Mandi Bhav : चने, मसूर, मूंग और गेहूं के ताजे भाव में गिरावट, जानें आज के बाजार में नए रेट
Delhi Anaj Mandi bhav : चना, मसूर, मूंग और गेहूं जैसे प्रमुख अनाजों के भाव में गिरावट आई है जिससे किसानों और व्यापारियों के लिए कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। इस लेख में हम इन अनाजों के ताजे भाव और उनके बाजार पर प्रभाव को लेकर एक विस्तृत विश्लेषण करेंगे।
Mandi Bhav Today : आज 23 नवम्बर 2024 को भारतीय अनाज बाजार में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। चना, मसूर, मूंग और गेहूं जैसे प्रमुख अनाजों के भाव में गिरावट आई है जिससे किसानों और व्यापारियों के लिए कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। इस लेख में हम इन अनाजों के ताजे भाव और उनके बाजार पर प्रभाव को लेकर एक विस्तृत विश्लेषण करेंगे।
चने (CHANA) के भाव में गिरावट
मध्यप्रदेश में चने का नया भाव 6850/6875 रुपये प्रति क्विंटल है वहीं राजस्थान के जयपुर में यह भाव 6950/6975 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। यह गिरावट पिछले कुछ समय से चने की आवक में कमी के कारण देखी जा रही है। चने की आवक आज 9/10 मोटर रही है जो कि सामान्य से कम है।
मसूर (MASUR) के भाव में स्थिरता
मसूर के भाव में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। इस समय मसूर का नया भाव 6600 रुपये प्रति क्विंटल (2/50 किलोग्राम) है। मसूर की आवक भी सामान्य रही है लेकिन कीमत में किसी प्रकार की उछाल नहीं देखने को मिली है।
मूंग (MUNG) का बाजार उतार-चढ़ाव से भरा हुआ
राजस्थान में मूंग के भाव 6425/7425 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं। मूंग की कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव को देखा जा रहा है क्योंकि इस समय बाजार में कई प्रकार का माल उपलब्ध है। आवक 50/52 मोटर रही है। इस बदलाव के कारण मूंग के भाव में थोड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।
मोठ (MOTH) के भाव में भी गिरावट
राजस्थान में मोठ के भाव 4900 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए हैं। हालांकियह गिरावट थोड़ी मामूली है लेकिन इसके बावजूद व्यापारियों के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है। मोठ की आवक में भी कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है और बाजार में स्थिरता बनी हुई है।
गेहूं के भाव में मामूली गिरावट
राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में गेहूं के भाव 3070 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। इन राज्यों में गेहूं की आवक 3000/3500 बोरी के आसपास है। पिछले कुछ दिनों में गेहूं के भाव में 10 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। यह गिरावट गेहूं के उत्पादन में बढ़ोतरी और समग्र बाजार की स्थिति के कारण आई है।
बाजार में गिरावट के कारण
इन सभी बदलावों के कारणों पर नजर डालें तो सबसे बड़ा कारण इन अनाजों की आवक में कमी और उतार-चढ़ाव है। चने, मसूर और मूंग की कीमतों में गिरावट इसलिए भी आई है क्योंकि इन अनाजों की मांग में कमी आई है। वहीं गेहूं के भाव में गिरावट आने के बावजूद बाजार में इसकी आवक बढ़ी है जिससे कुछ दबाव बना है।
सभी अनाजों की कीमतें इस समय उन किसानों के लिए चिंता का विषय बन चुकी हैं जो इन फसलों का उत्पादन करते हैं। बाजार में गिरावट के बावजूद कुछ व्यापारी इन अनाजों के भाव में तेजी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वहीं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस गिरावट के बावजूद इन फसलों के उत्पादन में वृद्धि होने की संभावना है जिससे भविष्य में कीमतों में उछाल भी देखने को मिल सकता है।
कृषि बाजार पर असर
भारतीय कृषि बाजार में इन बदलावों का सीधा असर किसानों पर पड़ता है। किसानों को अपने उत्पादों की सही कीमत मिल पाए इसके लिए सरकार और व्यापारी संगठन सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। हालांकि वर्तमान गिरावट से किसानों को कुछ नुकसान हो सकता है लेकिन साथ ही आगामी मौसम और फसल उत्पादन में सुधार की उम्मीद भी जताई जा रही है।
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