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भुने चने खाने से दो लोगों की थम गई सांसें, जांच में जुटा प्रशासन, जानें यह चौंकाने वाला मामला

रविवार को कलुआ दौलतपुर गांव से भुने हुए चने खरीदकर लाया। रात में परिवार ने इन्हें खाया। थोड़ी देर बाद ही सभी को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत हुई। परिजनों की हालत बिगड़ने पर ग्रामीणों ने उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया।

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से नवंबर 2024 को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। नरसैना थाना क्षेत्र के गांव बरवाला में भुने हुए चने खाने के बाद परिवार के चार सदस्यों की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से 49 वर्षीय कलुआ और उसके पोते गोलू की इलाज के दौरान मौत हो गई। बाकी दो सदस्य गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।

भुने हुए चने खाने से तबीयत बिगड़ी

रविवार को कलुआ दौलतपुर गांव से भुने हुए चने खरीदकर लाया। रात में परिवार ने इन्हें खाया। थोड़ी देर बाद ही सभी को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत हुई। परिजनों की हालत बिगड़ने पर ग्रामीणों ने उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान कलुआ और उसके पोते की जान चली गई जबकि बाकी दो सदस्यों की हालत नाजुक बनी हुई है।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने शुरू की जांच

घटना की जानकारी मिलते ही खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस मौके पर पहुंच गई। खाद्य सुरक्षा आयुक्त विपिन कुमार ने बताया कि टीम गठित कर दी गई है और भुने हुए चनों के स्रोत की जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि मौत का कारण सिर्फ भुने चने हैं या कोई अन्य वजह है।

चने कहां से लाए गए थे?

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, चने दौलतपुर स्थित एक दुकान से खरीदे गए थे। दुकान और विक्रेता की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इस घटना ने प्रशासन और स्थानीय लोगों में चिंता पैदा कर दी है। भुने हुए चने खाने से मौत की खबर फैलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस और खाद्य विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर चने और उनके संभावित जहरीले होने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। नमूनों को लैब भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार है।

पीड़ितों के परिवार की स्थिति

मृतकों के परिवार में मातम का माहौल है। घटना ने न केवल उनकी जान ली बल्कि पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामला नरसैना थाना क्षेत्र के गांव बरवाला का है। इस घटना ने खाद्य सुरक्षा की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे मामलों में प्रशासन की सतर्कता और खाद्य मानकों की सख्ती का महत्व फिर से उजागर हुआ है।

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