मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल की बढ़ेगी मुश्किल! अब सैटेलाइट से सीधे कनेक्ट होगा स्मार्टफोन, जानें वजह
मोबाइल टावरों के बजाय सीधे सैटेलाइट से नेटवर्क मुहैया कराया जाएगा। उपयोगकर्ताओं को आपात स्थिति के दौरान निर्बाध कनेक्टिविटी मिलती रहेगी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों या मृत क्षेत्रों में यात्रा करते समय।
भारत तकनीकी क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है और डिजिटल युग में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इसी कड़ी में एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (Starlink) ने एक नई तकनीक “डायरेक्ट-टू-सेल” लॉन्च की है। यह तकनीक सीधे उपग्रह से स्मार्टफोन को जोड़ती है और टेलीकॉम जगत में क्रांति लाने की संभावना रखती है। इसका सीधा प्रभाव भारत की दो प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों, रिलायंस जियो और एयरटेल, पर देखा जा सकता है, जो अब तक मोबाइल इंटरनेट और कॉलिंग के क्षेत्र में अग्रणी रही हैं।
“डायरेक्ट-टू-सेल” तकनीक
एलन मस्क की स्पेसएक्स स्टारलिंक द्वारा लॉन्च की गई इस तकनीक में यूजर्स सीधे अपने स्मार्टफोन को उपग्रह से कनेक्ट कर सकते हैं। इस सेवा के जरिए मोबाइल टावरों की आवश्यकता लगभग समाप्त हो जाएगी। जिन स्थानों पर अभी तक नेटवर्क कवरेज नहीं था, वहां भी इंटरनेट और कॉलिंग जैसी सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। स्टारलिंक ने इस नई सेवा के साथ वैश्विक स्तर पर कई दूरसंचार कंपनियों के साथ साझेदारी भी की है। इस सेवा की खासियत यह है कि इसके लिए किसी अतिरिक्त हार्डवेयर या ऐप की आवश्यकता नहीं होगी।
इंटरनेट की स्पीड में बड़ा उछाल
ट्वीकटाउन की रिपोर्ट के अनुसार, स्टारलिंक यूजर्स अब 250-350Mbps की हाई-स्पीड इंटरनेट का आनंद ले रहे हैं। यह स्पीड पारंपरिक फाइबर नेटवर्क से कई गुना तेज है। उदाहरण के लिए, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में 50-60Mbps की स्पीड की तुलना में यह एक बड़ी उपलब्धि है। स्टारलिंक लगातार अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है। नए सैटेलाइट और रॉकेट लॉन्च कर कंपनी अपने सिग्नल की रेंज और गुणवत्ता को बढ़ा रही है।
भारत में जियो और एयरटेल के लिए चुनौती
रिलायंस जियो और एयरटेल अब तक भारतीय बाजार में किफायती दरों पर 5G सेवाएं और ओटीटी प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने में सफल रही हैं। हालांकि, स्टारलिंक की डायरेक्ट-टू-सेल सेवा इन कंपनियों को कड़ी चुनौती दे सकती है। जहां जियो और एयरटेल अपने नेटवर्क को विस्तार देने के लिए टावरों पर निर्भर हैं, वहीं स्टारलिंक की तकनीक इस निर्भरता को समाप्त कर सकती है। इसका असर खासकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में देखने को मिलेगा, जहां टावर लगाना मुश्किल होता है।
आपात स्थिति में बड़ी मदद
यह सेवा खासतौर पर आपातकालीन परिस्थितियों के लिए बेहद उपयोगी होगी। जिन क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है, वहां यह तकनीक निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। ग्रामीण इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा के दौरान यह सेवा उपयोगकर्ताओं को हमेशा जुड़े रहने की सुविधा देगी।
IoT उपकरणों के लिए नई संभावनाएं
स्पेसएक्स का दावा है कि डायरेक्ट-टू-सेल सेवा न केवल मोबाइल यूजर्स बल्कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) उपकरणों के लिए भी वरदान साबित होगी। इसके जरिए लाखों IoT डिवाइस बिना किसी विशेष हार्डवेयर के कनेक्ट हो सकेंगे। एलन मस्क की कंपनी लगातार उन्नत रॉकेट और अंतरिक्ष यान का निर्माण कर रही है। फाल्कन 9 और स्टारशिप रॉकेट का उपयोग करके नए उपग्रह तैनात किए जा रहे हैं। इस कदम का उद्देश्य दुनिया भर में कनेक्टिविटी को बढ़ाना है।
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