Haryana News: हरियाणा के इस जिले के लिए बड़ी सौगात, जल्द ही इन जगहों पर बनेंगे 2 सिटी बस डिपो
जीएमडीए (Gurugram Metropolitan Development Authority) ने सेक्टर 103 में 7 एकड़ और सेक्टर 107 में 9.5 एकड़ जमीन को इस परियोजना के लिए चुना है। यह जमीन ऊपरी द्वारका एक्सप्रेसवे पर स्थित है। योजना के अनुसार हर डिपो में 100-100 इलेक्ट्रिक बसें रखी जाएंगी।
हरियाणा की व्यस्ततम सिटी गुरुग्राम में जल्द ही दो आधुनिक सिटी बस डिपो का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए सेक्टर 103 और सेक्टर 107 में जमीन चिन्हित कर ली गई है। इन दोनों बस डिपो के निर्माण से द्वारका एक्सप्रेसवे और इसके आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा। इस परियोजना पर लगभग 32 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
सिटी बस डिपो के निर्माण की योजना
जीएमडीए (Gurugram Metropolitan Development Authority) ने सेक्टर 103 में 7 एकड़ और सेक्टर 107 में 9.5 एकड़ जमीन को इस परियोजना के लिए चुना है। यह जमीन ऊपरी द्वारका एक्सप्रेसवे पर स्थित है। योजना के अनुसार हर डिपो में 100-100 इलेक्ट्रिक बसें रखी जाएंगी। नगर निगम आयुक्त को इस परियोजना के लिए जमीन सौंपने का प्रस्ताव भेजा गया है। फिलहाल जमीन पर काम शुरू नहीं हुआ है लेकिन चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के डेढ़ साल के भीतर बस डिपो का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
200 इलेक्ट्रिक बसें बेड़े में होंगी शामिल
गुरुग्राम की सिटी बस सेवा को और सुदृढ़ बनाने के लिए जीएमसीबीएल (GMCBL) के बेड़े में मार्च 2025 तक 200 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। ये बसें शहरी आवास मंत्रालय की ओर से उपलब्ध करवाई जाएंगी। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि यात्रियों को सुविधाजनक परिवहन भी मिलेगा। नए बस डिपो और सिटी बसों के संचालन से सेक्टर 99 से लेकर 115 तक की आवासीय सोसाइटियों को सीधा फायदा मिलेगा। वर्तमान में कई गांव और सेक्टर सिटी बस सेवा से वंचित हैं जिससे वहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस परियोजना के पूरा होने के बाद इन क्षेत्रों में यात्रा करना सुगम हो जाएगा।
भविष्य की योजना
जीएमडीए का लक्ष्य है कि साल 2031 तक गुरुग्राम में कुल 1025 सिटी बसों को चलाया जाए। इस बड़े कदम से शहर में सार्वजनिक परिवहन को मजबूती मिलेगी और निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी। इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम की समस्याओं में भी कमी आएगी। दोनों बस डिपो के निर्माण कार्य और इसके बाद उनके संचालन से स्थानीय लोगों को रोजगार के कई अवसर मिलेंगे। निर्माण में शामिल कंपनियों को 32 करोड़ रुपये का टेंडर दिया जाएगा। इसके अलावा डिपो के संचालन और रखरखाव में भी कुशल और अकुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होगी।
पर्यावरण के लिए फायदेमंद
नई इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। डीजल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक बसें प्रदूषण को काफी हद तक कम करती हैं। यह कदम गुरुग्राम को स्मार्ट और हरित शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। द्वारका एक्सप्रेसवे से जुड़े सेक्टरों और कॉलोनियों में तेजी से बढ़ती आबादी को देखते हुए यह परियोजना अत्यधिक प्रभावशाली साबित होगी। बेहतर परिवहन सुविधा से न केवल लोगों का जीवन आसान होगा बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी।
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