8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आई एक बड़ी खुशी, 8वें वेतन आयोग पर बड़ी जानकारी
8th Pay Commission: A big happiness for central employees, big information on 8th Pay Commission
8th Pay Commission Update: भारत में आजादी के बाद से अब तक कुल सात वेतन आयोग लागू (7th pay commission implemented) हो चुके हैं। हर दशक में एक नया वेतन आयोग लागू करने की परंपरा रही है। इन आयोगों के माध्यम से केंद्र सरकार ने लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी (Employees and Pensioners Salary) और भत्तों में बदलाव किया है। आखिरी बार 7वें वेतन आयोग को लागू किया गया था जिसने कर्मचारियों की आय में भारी बढ़ोतरी की थी। अब सभी की नजरें 8वें वेतन आयोग पर टिकी हैं जिसका गठन अभी बाकी है।
8वें वेतन आयोग का गठन कब हो सकता है?
वर्तमान में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग पर कोई आधिकारिक घोषणा (8th pay commission announcement) नहीं की है। हालांकि परंपरागत रूप से हर दशक में नया वेतन आयोग लागू होने की उम्मीद रहती है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 तक 8वें वेतन आयोग की घोषणा हो सकती है। यह आयोग परफॉर्मेंस आधारित व्यवस्था या महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा सकता है।
सरकार का क्या रुख है?
हाल ही में वित्त राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार इस समय 8वें वेतन आयोग के गठन की योजना नहीं बना रही है। हालांकि उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार कर्मचारियों की आय और भत्तों में सुधार के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है।
क्या हो सकते हैं बदलाव?
सरकार एक नया तंत्र लागू कर सकती है जो परफॉर्मेंस और मुद्रास्फीति जैसे कारकों पर आधारित हो सकता है। इससे कर्मचारियों को वेतन में बदलाव के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
कर्मचारियों की उम्मीदें और संभावित लाभ
1. मूल वेतन में बढ़ोतरी
8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों का मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000-30,000 रुपये तक हो सकता है।
2. फिटमेंट फैक्टर में बदलाव
फिटमेंट फैक्टर, जो वर्तमान में 2.57 है, इसे बढ़ाकर 3.5 या 3.8 किए जाने की उम्मीद है।
3. महंगाई भत्ता (DA)
महंगाई दर के आधार पर DA में बढ़ोतरी संभव है जिससे कर्मचारियों को अतिरिक्त आर्थिक राहत मिलेगी।
4. पेंशन में सुधार
8वें वेतन आयोग से पेंशनभोगियों को भी लाभ पहुंच सकता है। उनकी पेंशन में सुधार और अन्य भत्तों में बदलाव संभव है।
5. ट्रैवल और हाउस अलाउंस में बदलाव
मौजूदा खर्चों को ध्यान में रखते हुए ट्रैवल अलाउंस (TA) और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में संशोधन हो सकता है।