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गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर सिरसा में दलित समाज का प्रदर्शन, पुतला जलाकर जताया आक्रोश

अंबेडकर सभा के प्रधान रविंदर बबलू ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि चुनाव के समय राजनीतिक दल दलित समुदाय को लुभाने के लिए बड़े फंड जारी करते हैं और अंबेडकर साहब की मूर्तियां स्थापित करते हैं।

बुधवार को सिरसा के डबवाली में डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान के खिलाफ दलित समुदाय ने आक्रोश व्यक्त किया। इस दौरान विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने गांधी चौक में इकट्ठा होकर शाह के बयान को असंवेदनशील बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। सभा के दौरान अमित शाह का पुतला भी जलाया गया।

जातियों के विभाजन से ऊपर उठने का आह्वान

राजकुमार पारछा जो इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे ने कहा कि समाज को जातिगत मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुटता के साथ काम करने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समय है कि दलित समाज अपने अधिकारों के प्रति सजग हो और किसी भी असमानता को सहन न करे।

राजनीतिक दलों पर लगाए गंभीर आरोप

अंबेडकर सभा के प्रधान रविंदर बबलू ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि चुनाव के समय राजनीतिक दल दलित समुदाय को लुभाने के लिए बड़े फंड जारी करते हैं और अंबेडकर साहब की मूर्तियां स्थापित करते हैं। लेकिन जब समानता और अधिकारों की बात आती है तो यही नेता संसद में विरोधी रुख अपनाते हैं। उन्होंने मांग की कि अमित शाह अपने बयान के लिए देश से माफी मांगे और गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दें।

संविधान निर्माता का सम्मान सर्वोपरि

सभा में एडवोकेट दयाराम जोइया ने कहा कि अमित शाह द्वारा संसद में बार-बार डॉ. अंबेडकर का जिक्र करना उनका जुनून नहीं बल्कि एक “फैशन” बताना निंदनीय है। उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर हमारे लिए केवल संविधान निर्माता ही नहीं बल्कि भगवान से भी बढ़कर हैं। उन्होंने समाज के सभी वर्गों को उनके अधिकार दिलाने के लिए जीवनभर संघर्ष किया।”

प्रदर्शन के मुख्य बिंदु

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने अमित शाह के बयान को दलित समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि शाह जैसे नेता से ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह दलित समाज के प्रति अपनी नीति स्पष्ट करे और किसी भी प्रकार की भेदभावपूर्ण बयानबाजी पर रोक लगाए।

डॉ. अंबेडकर का योगदान

डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में अमर है। उन्होंने समाज के पिछड़े वर्गों को न्याय दिलाने के लिए न केवल कानून बनाए बल्कि उनके लिए एक समान समाज की परिकल्पना की। दलित समाज का कहना है कि डॉ. अंबेडकर का नाम केवल चुनावी लाभ के लिए नहीं लिया जाना चाहिए। उनके विचारों को सम्मान देना और उन्हें लागू करना अधिक महत्वपूर्ण है।

दलित समाज की मांगें

प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्री से माफी मांगने और अपने बयान को वापस लेने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को दलित समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। दलित संगठनों ने घोषणा की कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो वे देशव्यापी आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि डॉ. अंबेडकर के विचारों को कमजोर करने की कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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