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क्या Bank Locker से गायब हो गया आपका सामान, जानिए क्या कहते हैं RBI के नियम?

Did your belongings disappear from your bank locker? Know what RBI rules say?

Bank Locker Security: लखनऊ के सिंहहट इलाके में इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) की शाखा में हुई डकैती ने सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना में लुटेरों ने 42 लॉकर तोड़कर उसमें रखे आभूषण और अन्य कीमती सामान चुरा लिए। पुलिस की त्वरित कार्रवाई में दो लुटेरे मुठभेड़ में मारे गए जबकि तीन अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए भावुक वीडियो

डकैती के बाद बैंक लॉकर में रखा सामान खोने से प्रभावित ग्राहकों के रोते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन वीडियोज़ ने बैंक लॉकरों की सुरक्षा (bank lockers security) पर बहस छेड़ दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर बैंक लॉकर में रखे अपने सामान की गारंटी किसे दी जाए?

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आरबीआई के नए नियम

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने अगस्त 2022 में लॉकर सुरक्षा को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों के तहत बैंक किसी भी ग्राहक को मुआवजे से वंचित नहीं कर सकते। अगर बैंक की लापरवाही से लॉकर में रखा सामान चोरी या क्षतिग्रस्त होता है तो बैंक को मुआवजा (Bank compensation) देना अनिवार्य है। आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि बैंकों को अपने लॉकर समझौतों में अनुचित शर्तें शामिल नहीं करनी चाहिए। यदि ग्राहक को नुकसान होता है तो बैंक अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। यह प्रावधान ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।

बैंकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी

लॉकर क्षेत्र की सुरक्षा बैंकों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। बैंकों को अपने परिसर की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करने होते हैं। इसमें चोरी, आगजनी, इमारत ढहने जैसी घटनाओं से बचाव के लिए एहतियाती कदम उठाना शामिल है। अगर बैंक की लापरवाही (Bank negligence) के कारण किसी ग्राहक का सामान चोरी होता है या नष्ट होता है तो बैंक को मुआवजा देना होगा। हालांकि भूकंप या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होगा। ऐसी परिस्थितियों में नुकसान की भरपाई ग्राहक को खुद करनी होगी।

मुआवजे की सीमा

आरबीआई के नियमों के अनुसार बैंक लॉकर (rbi rules bank locker) में रखी वस्तुओं के मूल्य का मुआवजा लॉकर के वार्षिक किराए के 100 गुना तक सीमित होगा। उदाहरण के लिए यदि किसी लॉकर का सालाना किराया 1,000 रुपये है तो ग्राहक को अधिकतम 1 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है। इसलिए ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे लॉकर में ऐसी वस्तुएं न रखें जिनका मूल्य वार्षिक किराए के 100 गुना से अधिक हो।

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Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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