यूपी में अब खेती की जमीन पर घर बनाने के लिए लेना होगा ये डोकोमेंट, योगी सरकार का बड़ा कदम
इस नए नियम के तहत सबसे अहम भूमिका NOC यानी No Objection Certificate की होगी। अब किसी भी निर्माण कार्य को शुरू करने से पहले इस प्रमाणपत्र को प्राप्त करना अनिवार्य होगा। प्रमुख सचिव आवास पी गुरुप्रसाद ने इस आदेश में स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया अब एक स्थायी और अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है।
यूपी सरकार ने खेती की जमीन पर अवैध निर्माणों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए एक नया और सख्त नियम लागू किया है। इस नए आदेश का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में खेती की ज़मीन पर होने वाली अवैध प्लॉटिंग और निर्माण कार्यों पर अंकुश लगाना है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब खेती की ज़मीन पर कोई भी निर्माण कार्य करने से पहले संबंधित विकास प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इसके अलावा बिना अनुमति के चल रहे निर्माण कार्यों को तत्काल प्रभाव से रोका जाएगा। यह आदेश पहले भी जारी किया गया था लेकिन कमिश्नर और जिलाधिकारियों के स्तर पर इसका सही तरीके से पालन नहीं हो पा रहा था जिसके कारण अब इसे और सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया है।
NOC (No Objection Certificate) की अनिवार्यता
इस नए नियम के तहत सबसे अहम भूमिका NOC यानी No Objection Certificate की होगी। अब किसी भी निर्माण कार्य को शुरू करने से पहले इस प्रमाणपत्र को प्राप्त करना अनिवार्य होगा। प्रमुख सचिव आवास पी गुरुप्रसाद ने इस आदेश में स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया अब एक स्थायी और अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है। NOC के बिना खेतों में या शहरी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करना अब संभव नहीं होगा।
इसके अलावा सरकार ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी निर्माण कार्य में एनओसी नहीं है तो उसे तुरंत रोक दिया जाएगा। इससे अवैध निर्माण और प्लॉटिंग पर कड़ी रोक लगाई जा सकेगी जो पहले भूमाफिया और अन्य गलत तत्वों के लिए एक बड़ा मुद्दा बना हुआ था। इस आदेश से यह सुनिश्चित होगा कि विकास प्राधिकरण अपनी भूमिका निभाते हुए निर्माण कार्यों के दौरान गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को भी बनाए रखें।
भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई
इस नए आदेश का एक अन्य मुख्य उद्देश्य भूमि माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। सरकार का मानना है कि अवैध निर्माण के कारण न केवल शहरी विकास में अव्यवस्था फैलती है बल्कि यह पर्यावरण और बुनियादी सुविधाओं के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन जाती है। अब जिलों के डीएम और कमिश्नर को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित विकास प्राधिकरण से अनुमति और एनओसी प्राप्त किए बिना किसी भी निर्माण कार्य को चलने न दें।
सरकार का मानना है कि इस कड़े नियम के लागू होने से अवैध रूप से प्लॉटिंग करने वाले भूमाफियाओं पर काबू पाया जा सकेगा और इस प्रक्रिया से सरकारी योजनाओं के तहत होने वाले सही विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। अब निर्माण कार्यों के दौरान गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का पालन भी सुनिश्चित किया जाएगा जिससे नागरिकों को सुरक्षित और बेहतर वातावरण मिलेगा।
नए नियम से क्या होगा फायदा?
इस नए आदेश से खेती की ज़मीन का सही उपयोग हो सकेगा और अवैध निर्माण के कारण होने वाली समस्याओं का समाधान होगा। इस कदम से जहां एक ओर शहरी क्षेत्रों में बेहतर विकास होगा वहीं दूसरी ओर कृषि भूमि की अव्यवस्थित प्लॉटिंग को भी रोका जा सकेगा। इस आदेश से सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निर्माण कार्यों के दौरान पर्यावरणीय और बुनियादी सुविधाओं का ख्याल रखा जाए ताकि शहरी जीवन में सुधार हो और नागरिकों को सुरक्षित और बेहतर आवास उपलब्ध हो सके।
यह नया नियम अवैध निर्माण और प्लॉटिंग के खिलाफ एक प्रभावी कदम है जो राज्य में भूमि उपयोग के संबंध में सुधार लाएगा। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जिलों के विकास प्राधिकरण अपने अधिकारों का सही उपयोग करें और अवैध निर्माण कार्यों को रोकने के लिए एनओसी प्रक्रिया को सख्ती से लागू करें। इससे न केवल प्रशासनिक ढांचे में सुधार होगा बल्कि लोगों को कानून और नियमों के पालन के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।