Food delivery controversy : 10 मिनट में खाना डिलीवरी पर उठे सवाल, जोमैटो-स्विगी के शेयरों में भारी गिरावट
यह गिरावट ऐसे समय में आई जब नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने जोमैटो और स्विगी के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से शिकायत की है।
Food delivery controversy : शुक्रवार को शेयर बाजार (stock market) में जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) जैसी फूड डिलीवरी (food delivery) कंपनियों के निवेशकों को बड़ा झटका लगा। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन इन दोनों दिग्गज प्लेटफॉर्म्स के शेयरों में 3.6 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। जहां स्विगी के शेयर 490 रुपये के नीचे फिसल गए, वहीं जोमैटो के शेयर 240 रुपये से भी नीचे पहुंच गए।
यह गिरावट ऐसे समय में आई जब नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने जोमैटो और स्विगी के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से शिकायत की है। यह मामला प्राइवेट लेबलिंग (private labeling) और त्वरित फूड डिलीवरी के जरिए बाजार में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने के आरोपों से जुड़ा है।
NRAI की शिकायत का कारण
NRAI ने अपनी शिकायत में जोमैटो और स्विगी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एसोसिएशन का कहना है कि दोनों प्लेटफॉर्म अपने नेटवर्क डेटा का लाभ उठाकर प्राइवेट लेबल फूड्स के जरिए सीधे बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। स्विगी ने “स्नैक” (Snack) नाम का प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जो 15 मिनट के भीतर स्नैक्स और ड्रिंक्स की डिलीवरी का दावा करता है। वहीं, जोमैटो ने “ब्लिंकिट बिस्ट्रो” (Blinkit Bistro) के जरिए 10 मिनट में फूड डिलीवरी की शुरुआत की है।
NRAI के अध्यक्ष सागर दरयानी का कहना है कि इन कंपनियों की यह रणनीति न केवल रेस्तरां कारोबार के लिए नुकसानदायक है, बल्कि बाजार में प्रतिस्पर्धा का असमान स्तर भी तैयार करती है। दरयानी ने कहा, “जोमैटो और स्विगी अपने निजी लेबल्स के जरिए बाजार पर नियंत्रण बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कॉपीराइट और अन्य कानूनी नियमों का उल्लंघन है।”
रेस्तरां कारोबार पर असर
NRAI ने तर्क दिया कि स्विगी और जोमैटो की यह नई पहल उन रेस्तरां मालिकों के कारोबार को सीधे प्रभावित कर रही है, जो इन प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर हैं। निजी लेबलिंग के तहत ये कंपनियां अपने ऐप्स और क्विक डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स के जरिए ग्राहकों को सस्ते विकल्प उपलब्ध करा रही हैं। इससे रेस्तरां की बिक्री प्रभावित हो रही है।
NRAI ने की CCI से कार्रवाई की मांग
NRAI ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से अपील की है कि इन दोनों कंपनियों की प्राइवेट लेबलिंग और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की जांच की जाए। संगठन ने कहा है कि इन गतिविधियों से बाजार में एकाधिकार का खतरा बढ़ रहा है और यह उपभोक्ताओं के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।
जोमैटो और स्विगी की रणनीति
जोमैटो और स्विगी के हालिया कदम त्वरित डिलीवरी (quick delivery) को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं। स्विगी ने “स्नैक” के जरिए 15 मिनट में स्नैक्स और ड्रिंक्स की डिलीवरी का वादा किया है। इसी तरह, जोमैटो ने ब्लिंकिट प्लेटफॉर्म के जरिए “बिस्ट्रो” लॉन्च किया है, जो 10 मिनट में फूड और स्नैक्स डिलीवर करता है।
हालांकि, यह नई रणनीति रेस्तरां मालिकों और अन्य खाद्य व्यवसायियों के लिए चिंता का विषय बन गई है। एनआरएआई का मानना है कि इन कदमों से बाजार में प्रतिस्पर्धा खत्म हो रही है और रेस्तरां का भविष्य खतरे में है।
शेयर बाजार में गिरावट के कारण
NRAI की शिकायत के बाद जोमैटो और स्विगी के शेयरों में अचानक गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक इस विवाद को लेकर चिंतित हैं। अगर CCI इन कंपनियों के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाता है, तो इसका सीधा असर इनके व्यवसाय और राजस्व पर पड़ सकता है।