Agriculture News

किसान भाई इस समय भूलकर भी न करें नैनो यूरिया और डीएपी का छिड़काव, वरना उत्पादन पर पड़ेगा सीधा असर

कृषि क्षेत्र में किसान अक्सर समय पर उर्वरकों का इस्तेमाल करने में असफल हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप फसलों का (growth) धीमा पड़ जाता है।

Urea and DAP spraying : रबी की फसलों में नैनो यूरिया और डीएपी का सही समय पर छिड़काव बेहद आवश्यक है, ताकि फसलों की विकास दर में कोई विघ्न न आए। (Nano Urea) और (DAP) जैसे उर्वरक सही तरीके से और सही समय पर फसलों में डाले जाएं तो न केवल फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि यह फसलों को तेजी से बढ़ने में भी मदद करेगा। यदि उर्वरक का उपयोग गलती से समय से पहले या देर से किया जाता है, तो इसके नकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं, जिससे उत्पादन पर सीधा असर पड़ सकता है।

Haryana : हरियाणा में बारिश से गेहूं और सरसों की फसलों को होगा नुकसान, किसान बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय

इसके बाद फसल की देखभाल के दौरान, (fertilizer spray) के तरीके भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। खासकर किसान भाईयों को नैनो यूरिया और डीएपी के मिश्रण को अपनाने में बहुत मदद मिलती है। इनका छिड़काव सही तरीके से करने से न केवल फसल की बढ़त तेज होती है, बल्कि (soil health) भी बेहतर होती है। (Fertilizer spray timing) का महत्व कृषि में जैसे मौसम में बदलाव आता है, वैसे ही यह समय बहुत अनिवार्य हो जाता है। तो आइए जानते हैं नैनो यूरिया और डीएपी के छिड़काव का (right time) कब है।

पहली बार उर्वरक का छिड़काव – सही समय पर करें छिड़काव!

नैनो यूरिया और डीएपी का छिड़काव एक निर्धारित समयावधि में किया जाना चाहिए। यदि 35 से 40 दिन के बाद इन्हें छिड़काया जाए, तो यह (crop development) के लिए सबसे अच्छा रहेगा। इसके लिए किसानों को 4 मिली नैनो डीएपी और 4 मिली नैनो यूरिया को एक लीटर पानी में मिलाकर पत्तियों पर छिड़कना चाहिए। छिड़काव की सही विधि यह है कि किसान इसे अच्छे से हिलाकर स्प्रेयर से एक (acre) में लगाए। याद रखें कि सबसे पहला छिड़काव यह सुनिश्चित करता है कि पत्तियों के आस-पास के उर्वरक की कमी को पूरा किया जाए, जिससे पौधों की सही तरीके से वृद्धि हो सके।

दूसरी बार नैनो यूरिया और डीएपी का छिड़काव – (dosage) का ख्याल रखें!

यदि पहले छिड़काव के बाद 50 से 60 दिन का वक्त हो चुका है, तो दूसरी बार नैनो यूरिया और डीएपी का छिड़काव जरूरी है। इस बार भी, नैनो यूरिया की 4 मिली मात्रा को एक लीटर पानी में मिलाकर पौधों की पत्तियों पर छिड़काव करें। ध्यान देने की बात यह है कि इस समय छिड़काव के दौरान उर्वरकों की (concentration) को ठीक से मिलाकर उसे एक जैसा घोल बनाना बहुत जरूरी है। एक बार घोल अच्छे से तैयार होने पर, (flat fan nozzle) का इस्तेमाल करें, जिससे यह उर्वरक evenly स्प्रayed हो जाए और 100% (water solubility) प्राप्त हो सके। हमेशा सुबह या शाम के समय में छिड़काव करना ज्यादा प्रभावी रहता है।

छिड़काव के लिए किसान भाई फ्लैट फैन स्प्रेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो पत्तियों में उर्वरक को सही तरीके से घुला सके। अब, कीटनाशक, घास-फूस या अन्य रसायनों का मिश्रण इन उर्वरकों के साथ न करें, क्योंकि यह इनकी प्रभावशीलता को कम कर सकता है।

नैनो यूरिया और डीएपी के छिड़काव के लिए सटीक उपकरण का चुनाव!

छिड़काव के लिए उपकरण का चुनाव भी बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप छोटे उपकरण से काम कर रहे हैं, तो 15 लीटर क्षमता के (hand sprayer) में 60 मिली नैनो यूरिया और डीएपी का मिश्रण डालना चाहिए। बड़े मशीनों के लिए, जैसे 25 लीटर क्षमता का (sprayer machine), 100 मिली और 500 लीटर (tractor mounted sprayer) में 2000 मिली नैनो यूरिया और डीएपी का घोल डालने की आवश्यकता होगी। छोटे (drone sprayer) में 500 मिली का छिड़काव करने की जरुरत पड़ेगी। यह सब उपकरणों का इस्तेमाल फसलों के अधिकतम (growth) के लिए किया जा सकता है।

मंडी में नरमा, कपास, सोयाबीन और सरसों की ताजा कीमतें जारी, जानिए सभी मंडियों का हाल

इसके अलावा, किसान भाईयों को चाहिए कि वह खुद का आत्म मूल्यांकन करें और छिड़काव की तारीखों की स्थिति से अपडेट रहें, ताकि किसी प्रकार की अनावश्यक समस्या से बचा जा सके। सही समय पर सही मात्रा में उर्वरकों का उपयोग करने से उनके खेत की मिट्टी की भी सेहत बनेगी और उत्पादकता में निश्चित रूप से वृद्धि होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button