Haryana Property Rates : हरियाणा में 2025 से बढ़ेगा EDC चार्ज, प्रॉपर्टी के दामों में आएगा बड़ा उछाल
रियल एस्टेट विशेषज्ञों के मुताबिक, EDC दरों में वृद्धि का असर सीधे डेवलपर्स और खरीदारों पर पड़ेगा। गुरुग्राम स्थित विशेषज्ञ विनोद बहल का कहना है कि रियल एस्टेट इंडस्ट्री पहले से ही ऊंची कीमतों और उच्च ब्याज दरों के दबाव में है। EDC दरों में बढ़ोतरी से प्रोजेक्ट लागत में वृद्धि होगी, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
Haryana Property Rates 2025 : हरियाणा सरकार ने रियल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। राज्य में एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज (EDC) को 2025 से 20% बढ़ाने और 2026 से हर साल 10% वृद्धि लागू करने की घोषणा की गई है। यह निर्णय राज्य के कैबिनेट द्वारा लिया गया है और इसे 1 जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा। इस फैसले के बाद हरियाणा के गुरुग्राम, रोहतक, फरीदाबाद और अन्य प्रमुख रियल एस्टेट हब्स में प्रॉपर्टी की कीमतों में भारी उछाल की संभावना है।
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कैसे तय होती हैं EDC दरें?
EDC का उपयोग किसी प्रोजेक्ट की बाउंड्री के बाहर बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़कों, बिजली, पानी और सीवेज लाइनों के निर्माण के लिए किया जाता है। हरियाणा के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट (DTCP) द्वारा EDC दरों की कैलकुलेशन एरिया-वाइज की जाती है। यह दरें किसी विशेष क्षेत्र में हाउसिंग, कमर्शियल, इंडस्ट्रियल या मिक्स्ड-यूज्ड प्रोजेक्ट्स की संभावनाओं पर निर्भर करती हैं।
2015 के बाद से EDC दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई थी। मौजूदा दरें इंडेक्सेशन पॉलिसी पर आधारित हैं, जिसमें 2015 की दरों को आधार माना गया था। 2018 में, हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम और रोहतक के लिए दरें तय करने का जिम्मा आईआईटी दिल्ली को और फरीदाबाद, पंचकुला, हिसार के लिए आईआईटी रुड़की को दिया था। हालांकि, इन संस्थानों ने इस पर काम करने में असमर्थता जताई, जिससे दरें स्थिर रहीं।
रियल एस्टेट सेक्टर पर प्रभाव
रियल एस्टेट विशेषज्ञों के मुताबिक, EDC दरों में वृद्धि का असर सीधे डेवलपर्स और खरीदारों पर पड़ेगा। गुरुग्राम स्थित विशेषज्ञ विनोद बहल का कहना है कि रियल एस्टेट इंडस्ट्री पहले से ही ऊंची कीमतों और उच्च ब्याज दरों के दबाव में है। EDC दरों में बढ़ोतरी से प्रोजेक्ट लागत में वृद्धि होगी, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
नारेडको (NAREDCO) हरियाणा के अध्यक्ष परवीन जैन ने भी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि 10% सालाना EDC वृद्धि पूरी रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए वित्तीय बोझ बढ़ाएगी। उनका कहना है कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि इससे डेवलपर्स की लागत बढ़ेगी और खरीदारों की सामर्थ्य घटेगी।
गुरुग्राम में EDC दरें और उनकी लागत
गुरुग्राम में किसी प्रोजेक्ट की कुल लागत में EDC का योगदान 7-8% तक होता है। 2015-16 के आसपास, डेवलपर्स ने लाइसेंस लेना लगभग बंद कर दिया था, क्योंकि उस समय EDC दरें बहुत अधिक थीं। इसके बाद सरकार ने इसे धीमा कर दिया और पिछले आठ वर्षों में दरों को स्थिर रखा।
अब, 2025 से 20% की एकमुश्त वृद्धि और हर साल 10% इजाफे का फैसला रियल एस्टेट डेवलपमेंट को और महंगा बना सकता है। इससे प्रॉपर्टी खरीदने वालों को उच्च कीमतें चुकानी पड़ सकती हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की उम्मीद
सरकार के इस फैसले के पीछे तर्क यह है कि अधिक EDC संग्रह से हरियाणा में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अधिक फंड जुटाए जा सकेंगे। इस धन का उपयोग सड़कों, नालियों, पानी और बिजली की लाइनों जैसी सुविधाओं के निर्माण में किया जाएगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक डेवलपर्स और खरीदारों ने हजारों करोड़ रुपये का भुगतान किया है, लेकिन राज्य में बुनियादी ढांचे का विकास उम्मीदों के मुताबिक नहीं हुआ है।
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फैसले का व्यापक असर
यह निर्णय हरियाणा के सभी प्रमुख रियल एस्टेट हब्स पर असर डालेगा, लेकिन गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे क्षेत्रों में इसका सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। उच्च सर्कल रेट और संपत्तियों की कीमतों में पहले ही भारी वृद्धि हो चुकी है। ऐसे में EDC दरों का बढ़ना प्रॉपर्टी बाजार में और अधिक अस्थिरता ला सकता है।