हरियाणा सरकार के नए फैसले से प्रॉपर्टी मार्केट में बवाल, इन इलाकों में कीमतें छू सकती हैं आसमान
हरियाणा से आई ये खबर प्रॉपर्टी मार्केट (Property Market) के गलियारों में हड़कंप मचा रही है।
Haryana Property Prices Hike : सरकार ने ऐसा फैसला लिया है जिससे जमीन और प्रॉपर्टी की कीमतें अचानक हवा से बात कर सकती हैं। जी हां हरियाणा सरकार ने एक्सटरनल डेवलपमेंट चार्ज (External Development Charge – EDC) को 2025 तक 20% और फिर हर साल 10% बढ़ाने की अनुमति दे दी है।
अब ये फैसला सुनकर जनता और डेवलपर्स (Developers) दोनों के ही चेहरे के भाव बदल गए हैं। एक तरफ जहां खरीदार अपना बजट संभालने की जुगत में लग गए हैं वहीं डेवलपर्स माथे पर पसीना पोंछते हुए सरकार से फैसले पर फिर से विचार करने की अपील कर रहे हैं।
हरियाणा सरकार का बड़ा निर्णय
हरियाणा सरकार ने 1 जनवरी 2025 से EDC में 20% की वृद्धि को मंजूरी दी है। इसके बाद हर साल 10% की बढ़ोतरी की जाएगी। EDC एक ऐसा शुल्क है जो डेवलपर्स से सड़कों, बिजली, पानी और सीवेज जैसी बाहरी बुनियादी सुविधाओं (Basic Infrastructure) के विकास के लिए लिया जाता है।
मौजूदा समय में EDC की गणना टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट (DTCP) द्वारा की जाती है जो किसी क्षेत्र की विकास क्षमता के आधार पर इसे निर्धारित करता है। अंतिम बार EDC दरों को 2015 में संशोधित किया गया था।
डेवलपर्स पर बढ़ा बोझ
नेशनल Real Estate डेवलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) हरियाणा के अध्यक्ष परवीन जैन ने कहा कि इस बढ़ोतरी से गुरुग्राम (Gurugram) जैसे क्षेत्रों में डेवलपर्स और घर खरीदारों पर बड़ा वित्तीय दबाव पड़ेगा।
2015-2016 के दौरान भी EDC की अधिक दरों के चलते डेवलपर्स ने लाइसेंस लेना बंद कर दिया था। उन्होंने आगे कहा कि 10% की वार्षिक वृद्धि अव्यावहारिक है और सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
बाजार पर संभावित प्रभाव
रियल एस्टेट विशेषज्ञों के मुताबिक EDC दरों में वृद्धि से प्रॉपर्टी की कीमतें और बढ़ेंगी जिससे घर खरीदना और मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा:
बढ़ी हुई कीमतें प्रॉपर्टी की मांग (Demand) पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
ऊंची कीमतों से निवेशकों (Investors) की रुचि घट सकती है।
बाजार में मंदी (Market Slowdown) का खतरा बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि वर्तमान समय में उच्च ब्याज दर और महंगी प्रॉपर्टी की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर पहले से ही संघर्ष कर रहा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को मिलेगा बढ़ावा
सरकार का मानना है कि EDC दरों में वृद्धि से जुटाई गई राशि से इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को गति मिलेगी। लेकिन यह पूरी तरह इस पर निर्भर करेगा कि इस धन का उपयोग कितनी पारदर्शिता से किया जाता है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि नई इंडेक्सेशन पॉलिसी के तहत एक सलाहकार नियुक्त किया जाएगा जो EDC दरों की समीक्षा करेगा।