Haryana news in hindi: हरियाणा में पुरानी फाइलों पर फिर चलेगी जांच की कैंची, भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसेगी सरकार
चंडीगढ़: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में हुए रजिस्ट्री घोटाले (Registry Scam) की फाइल दोबारा खोलने का फैसला किया है। यह कदम उन भ्रष्ट अधिकारियों (Corrupt Officials) पर शिकंजा कसने के लिए उठाया गया है जिन्होंने जनता के हितों के साथ खिलवाड़ किया। अब हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार पर पूरी तरह नकेल कसने की ठान ली है। सभी महकमों में भ्रष्टाचार (Corruption) को बढ़ावा देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई (Strict Action) की तैयारी शुरू हो चुकी है। Upcoming IPO List: निवेशक बनेंगे मालामाल, आने वाले हफ्तों में है कमाई का बड़ा मौका
भ्रष्ट पटवारियों (Patwaris) पर कसेगा शिकंजा
मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल में हुए रजिस्ट्री घोटाले की जांच को फिर से सक्रिय किया गया है। इसमें सबसे पहले उन पटवारियों की सूची तैयार की गई है, जो घोटाले में सीधे तौर पर शामिल थे। इसके बाद अब तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, कानूनगो और लेखा परीक्षकों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने राजस्व रिकार्ड (Revenue Records) में हेरफेर कर घोटाले को अंजाम दिया।
रिपोर्ट में 232 अधिकारी दोषी
हरियाणा सरकार ने इस मामले में पहले गठित की गई विशेष जांच समिति की रिपोर्ट का पुनः परीक्षण किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 34 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों सहित 232 राजस्व अधिकारियों को दोषी ठहराया गया था। ये सभी अधिकारी राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करने और रजिस्ट्री घोटाले में शामिल पाए गए थे।
फाइलों और रिकॉर्ड्स की दोबारा जांच
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग (Revenue and Disaster Management Department) ने अब इन दोषी अधिकारियों की फाइलों को फिर से खंगालने का काम शुरू कर दिया है। जांच में सीएम विंडो (CM Window), भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti-Corruption Bureau) और अन्य आंतरिक सतर्कता एजेंसियों (Internal Vigilance Agencies) की रिपोर्ट्स का विश्लेषण किया जा रहा है। इसके जरिए यह पता लगाया जाएगा कि किन-किन अधिकारियों ने राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।
370 भ्रष्ट पटवारियों की लीक हुई लिस्ट
हाल ही में लीक हुई 370 भ्रष्ट पटवारियों की सूची ने सरकार और विभाग को सकते में डाल दिया है। CID और खुफिया एजेंसियां इस सूची के लीक होने के स्रोत की जांच कर रही हैं। जांच में यह बात सामने आई है कि सूची जिला मुख्यालयों से लीक हुई है। अब जिलों के DC को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस मामले में पूरी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपें। संभावना है कि यह रिपोर्ट अगले सप्ताह तक सरकार को भेजी जाएगी।
इंटरनेट मीडिया (Internet Media) पर भी नजर
खुफिया एजेंसियां इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म्स पर भी नजर बनाए हुए हैं। कई सोशल मीडिया ग्रुप्स (Social Media Groups) को चिह्नित किया गया है, जो इस मामले में शामिल हो सकते हैं। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि लीक हुई सूची को वापस नहीं लिया जाएगा। हरियाणा के इन कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, सैलरी में आएगा बड़ा बूस्ट, देखें सरकार द्वारा जारी ऑर्डर
पटवारियों का विरोध प्रदर्शन
इस लीक हुई सूची को लेकर पटवारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (Protest) किया और आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना है कि इस सूची ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है और यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। हालांकि सरकार इस पर स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।