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BPL Ration Card: हरियाणा में PPP वेरिफिकेशन से चौंकाने वाला खुलासा, अब इन लोगों के कटेंगे राशन कार्ड

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य के परिवार पहचान पत्र (PPP – Parivar Pehchan Patra) में आय संबंधित गड़बड़ियों की जांच तेज कर दी है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि कई लोग जो आलीशान मकानों (Luxury Houses) और संपत्तियों के मालिक हैं उन्होंने अपनी आय कम दिखाकर बीपीएल (BPL – Below Poverty Line) योजनाओं का लाभ उठाया। सरकार ने ऐसे मामलों पर शिकंजा कसते हुए सभी परिवारों की आय व संपत्ति की वेरिफिकेशन (Verification) का आदेश दिया है।

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PPP वेरिफिकेशन से हुआ चौंकाने वाला खुलासा

सरकार ने हाल ही में परिवार पहचान पत्र की जांच प्रक्रिया शुरू की है। इसमें पाया गया है कि कई ऐसे लोग जिनके पास दो से तीन मंजिला मकान महंगे वाहन (Luxury Vehicles) और पालतू जानवर हैं उन्होंने अपनी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम दिखाई है। ऐसे लोग सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे हैं।

जांच प्रक्रिया में तेजी

एडीसी (Additional Deputy Commissioner) कार्यालय को इन मामलों की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई है। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि बीपीएल कार्डधारकों की संख्या 354736 है जिसमें से कई लोग पात्रता मानदंडों (Eligibility Criteria) को पूरा नहीं करते। जिला प्रशासन ने जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक (DFSC) और जिला समाज कल्याण विभाग (DSW) को इन मामलों की जांच के आदेश दिए हैं।

आलीशान मकानों में रहने वाले भी बीपीएल की सूची में

जांच में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें लोग शानदार जीवन जी रहे हैं लेकिन उन्होंने बीपीएल सूची में खुद को शामिल कर रखा है। इन मामलों की एरिया-वाइज जांच की जा रही है। हर रोज रैंडम (Random) तरीके से पांच से सात पीपीपी की जांच की जा रही है ताकि पात्र और अपात्र व्यक्तियों की पहचान हो सके।

वेरिफिकेशन टीम को हो रही परेशानियां

जांच टीमों को वेरिफिकेशन के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बीपीएल कार्डधारक सही जानकारी नहीं देते हैं। टीम के घर आने पर दस्तावेज दिखाने से मना कर देते हैं जिससे प्रक्रिया धीमी हो जाती है। यह भी देखा गया है कि लोगों को डर है कि उनकी बीपीएल सूची से छुट्टी न हो जाए।

राशन डिपो संचालकों से मिल सकती है मदद

जांच प्रक्रिया को तेज करने के लिए राशन डिपो संचालकों की मदद ली जा सकती है। उनके पास प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति की सटीक जानकारी होती है। यदि डिपो संचालक सही डेटा (Accurate Data) साझा करें तो जांच तेजी से पूरी हो सकती है।

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वास्तविक जरूरतमंद हो रहे वंचित

पीपीपी में गलत जानकारी दर्ज होने के कारण असल जरूरतमंद सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। वहीं जो पात्र नहीं हैं वे योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। यह सरकार और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

सरकार की सख्त कार्रवाई की तैयारी

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आय छिपाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी। इन मामलों में पाई गई अनियमितताओं के आधार पर दोषियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

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