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अब हर मौसम में होगी लेह-श्रीनगर की कनेक्टिविटी, एशिया की सबसे लंबी सुरंग का निर्माण कार्य 55% पूर्ण

नई दिल्ली: अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो ठंड में बर्फ में फंसने का खतरा उठाने से डरते हैं तो एक गुड न्यूज (Good News) आपके लिए आ चुकी है! जोजिला सुरंग (Zojila Tunnel) परियोजना का काम जोरों-शोरों से चल रहा है और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार 55% काम पूरा भी हो चुका है।

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अब सोचिए! श्रीनगर-लेह हाईवे पर 11578 फीट ऊंचे जोजिला दर्रे से होकर गुजरना यानी ठंड के दिनों में एक रोमांचक एडवेंचर (Adventure) से कम नहीं होता था। मगर बर्फबारी के कारण यह रास्ता अक्सर बंद हो जाता था और लद्दाख का इलाका बाकी देश से कट जाता था। अब इस सुरंग के बनने के बाद यह दिक्कत हमेशा के लिए खत्म होने जा रही है!

सपना नहीं हकीकत बनने की कगार पर!

नई दिल्ली में एसोचैम के वार्षिक इंफ्रास्ट्रक्चर सम्मेलन के दौरान नितिन गडकरी ने बताया कि भारत में कई सुरंग परियोजनाएं बन रही हैं और तकनीक को बेहतर बनाने के साथ-साथ कॉस्ट कटिंग यानी लागत को कम करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपना देसी माल इस्तेमाल करो विदेशों पर निर्भरता कम करो! – यानी अब ज़्यादा से ज़्यादा देश में बनी मशीनरी का उपयोग होगा ताकि प्रोजेक्ट किफायती बने और आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत हो।

गडकरी जी बोले हमें क्वालिटी (Quality) से कोई समझौता नहीं करना लेकिन अगर काम के खर्चे को स्मार्टली (Smartly) कम किया जाए तो यह अपने-आप में एक सफलता होगी। पुल और सुरंगों का निर्माण बहुत जरूरी है लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि जनता के पैसों का सही इस्तेमाल हो।

एशिया की सबसे लंबी सुरंग – सॉलिड इंफ्रास्ट्रक्चर!

यह सुरंग पूरी होने के बाद एशिया की सबसे लंबी सुरंग बन जाएगी! जी हां ज़रा सोचिए जो सफर अभी तीन घंटे का था वह सिर्फ 20 मिनट में तय हो जाएगा! यह सुरंग श्रीनगर के गांदरबल जिले को लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास कस्बे से जोड़ेगी और इसके डिजाइन को खासतौर पर घोड़े की नाल (Horseshoe) आकार में बनाया जा रहा है।

ऐसी हाई-टेक फैसिलिटी कि पूछिए मत!

जोजिला सुरंग केवल एक रास्ता ही नहीं बल्कि तकनीकी सुविधाओं से लैस एक स्मार्ट टनल होगी। इसमें CCTV मॉनिटरिंग रेडियो कंट्रोल निर्बाध बिजली आपूर्ति और वेंटिलेशन (Ventilation) जैसी अत्याधुनिक व्यवस्थाएं होंगी। यानी सुरंग के अंदर हवा ताजी बनी रहेगी और किसी भी तरह की सुरक्षा खतरे को पहले ही भांपा जा सकेगा।

अब इसका फायदा सिर्फ घूमने-फिरने वालों को ही नहीं मिलेगा बल्कि आर्मी मूवमेंट (Army Movement) और जरूरी सामान की ढुलाई भी आसान हो जाएगी। इससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।

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सिर्फ एक सुरंग नहीं बल्कि कनेक्टिविटी की नई उम्मीद

जोजिला दर्रा अब तक हमेशा एक चुनौती रहा है – कभी खराब मौसम तो कभी बर्फीले तूफान (Snowstorm)। लेकिन यह सुरंग जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच सालभर अबाध आवागमन (Seamless Connectivity) सुनिश्चित करेगी। यानी टूरिज्म (Tourism) को भी नई उड़ान मिलेगी और क्षेत्र में आर्थिक विकास तेजी से होगा।

कश्मीर से लद्दाख जाने वालों को सर्दियों में अक्सर रोड ब्लॉक (Road Block) का सामना करना पड़ता था लेकिन इस सुरंग से अब यह समस्या नहीं आएगी। व्यापारी हो या पर्यटक हर किसी को इस प्रोजेक्ट से फायदा मिलने वाला है।

तो कब तक पूरा होगा ये बड़ा प्रोजेक्ट?

अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक चला तो 2026 तक इस सुरंग का काम पूरा कर दिया जाएगा। हां अगर तेज स्पीड वाली भारतीय जुगाड़ तकनीक काम आई तो इससे पहले भी तैयार हो सकता है! मज़े की बात यह है कि इस प्रोजेक्ट पर दिन-रात काम चल रहा है और सरकार इस पर खासा ध्यान दे रही है।

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