मोदी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में किसानों को बड़ी सौगात, केंद्र सरकार ने इस फैसले पर लगाई मुहर
नए साल की शुरुआत में केंद्र सरकार (Central Government) ने किसानों की भलाई के लिए बड़े फैसले लिए हैं।
DAP Fertilizer Subsidy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में 2025 की पहली कैबिनेट बैठक किसानों को समर्पित रही। इस बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) को डिजिटल करने के साथ ही तेज़ क्लेम सैटेलमेंट (Claim Settlement) और कवरेज बढ़ाने के लिए 800 करोड़ रुपये के विशेष कोष की घोषणा की गई।
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केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया कि फसल बीमा योजना को पूरी तरह डिजिटल बनाने का निर्णय लिया गया है। इस डिजिटल प्रक्रिया से किसानों का नामांकन (Enrollment) आसान होगा और उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा डीएपी (DAP) उर्वरक पर सब्सिडी को जारी रखते हुए एक विशेष पैकेज की भी घोषणा की गई है।
पीएम फसल बीमा योजना को बढ़ावा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत सरकार ने आवंटन बढ़ाकर 69,515.71 करोड़ रुपये कर दिया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई करना और उनकी आय में स्थिरता लाना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2014 से पीएम मोदी ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को बाजार में उतार-चढ़ाव का नुकसान न उठाना पड़े।
2014-24 के बीच उर्वरक सब्सिडी 11.9 लाख करोड़ रुपये रही, जो 2004-14 की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है। सरकार ने तेज़ मूल्यांकन और क्लेम सैटेलमेंट के लिए 800 करोड़ रुपये का एक कोष स्थापित किया है। इस कोष का उपयोग नवीन तकनीकों और नवाचारों (Innovations) को बढ़ावा देने में किया जाएगा।
डीएपी पर विशेष पैकेज की घोषणा
कैबिनेट ने यह भी फैसला लिया है कि किसानों को डीएपी (DAP) उर्वरक की उपलब्धता स्थिर और किफायती दामों पर सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए 1 जनवरी 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक विशेष सब्सिडी पैकेज को लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत, किसानों को 50 किलोग्राम डीएपी बैग 1,350 रुपये में मिलता रहेगा। इसके अलावा, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए 3,850 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि बढ़ती कीमतों का असर किसानों पर न पड़े।
उर्वरक सब्सिडी में बड़ा बदलाव
सरकार ने 2025 तक उर्वरक सब्सिडी को जारी रखने का फैसला लिया है जो किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने में मदद करेगी। उर्वरक सब्सिडी के तहत डीएपी के साथ-साथ अन्य उर्वरकों पर भी ध्यान दिया गया है। 2025 की पहली कैबिनेट बैठक में किसानों की समृद्धि बढ़ाने के लिए व्यापक चर्चा हुई। बैठक में लिए गए फैसले पूरी तरह से किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं।
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किसानों के लिए डिजिटल युग की शुरुआत
फसल बीमा योजना को डिजिटल करने का कदम किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। इससे न केवल उनकी क्लेम प्रक्रिया तेज़ होगी, बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत होगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह डिजिटल प्रणाली उपयोग में आसान हो और सभी किसानों को इसका लाभ मिले। यह कदम भारत को “डिजिटल इंडिया” (Digital India) की दिशा में आगे बढ़ाने का एक हिस्सा है।