Narma Bhav : नरमा कपास की आवक से बाजार में हलचल, भाव में उठापटक ने किसानों को किया भ्रमित
नरमा का बाजार इन दिनों तो बिल्कुल रोलरकोस्टर की सवारी जैसा हो गया है! एक दिन कीमतें आसमान छू रही हैं तो अगले दिन धरती पर आ गिरती हैं।
Narma Bhav : बाजार में नरमे की आवक इतनी तेज हो गई है कि कीमतें संभल नहीं पा रही हैं। एक तरफ किसान अपनी फसल बेचने के लिए बेताब हैं तो दूसरी तरफ व्यापारी भी सस्ते में माल खरीदना चाहते हैं। इस खींचतान में नरमे की कीमतें लगातार ऊपर-नीचे हो रही हैं।
सिरसा मंडी में क्या है हाल?
आइए अब बात करते हैं हरियाणा की सिरसा मंडी की। यहां नरमे की कीमतें इन दिनों 7200 से 7390 रुपये प्रति क्विंटल के बीच घूम रही हैं। यानी कह सकते हैं कि नरमा के दामों का रोलरकोस्टर सिरसा में भी जोरों से चल रहा है।
कपास के दाम भी लगभग 7300 से 7445 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि ये दाम ज्यादा हैं या कम? तो बता दें कि ये दाम पिछले कुछ महीनों की तुलना में थोड़े कम हैं। लेकिन किसानों को उम्मीद थी कि दाम और बढ़ेंगे।
अन्य फसलों के दाम
सिरसा मंडी में नरमा के अलावा भी कई अन्य फसलों के दाम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सरसों के दाम 5400 से 5676 रुपये प्रति क्विंटल ग्वार के दाम 4000 से 5170 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं के दाम 2000 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं।
किसानों की क्या है मजबूरी?
किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ महंगी खाद बीज और मजदूरी तो दूसरी तरफ बाजार में कीमतों का उतार-चढ़ाव। किसानों को नहीं पता कि कब अपनी फसल बेचें ताकि उन्हें अच्छा मुनाफा हो। कई किसान तो मजबूरी में सस्ते दामों पर ही अपनी फसल बेच देते हैं।
सरकार क्या कर रही है?
सरकार किसानों की मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है। किसानों को अभी भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे को पूरा करे।
किसानों के लिए सुझाव
किसानों को चाहिए कि वे अपनी फसल को बेचने से पहले बाजार की अच्छी तरह से जानकारी जुटा लें। वे किसान संगठनों से जुड़कर अपनी समस्याओं को सामने रख सकते हैं। इसके अलावा किसानों को चाहिए कि वे वैज्ञानिक तरीकों से खेती करें ताकि उनकी उत्पादकता बढ़े और उन्हें बेहतर दाम मिल सकें।