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हरियाणा में गेहूं की फसल पर मंडराया खतरा, मौसम विभाग के नए अपडेट से किसानों की बढ़ीं चिंता

मौसम विभाग (Meteorological Department) के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 18 डिग्री और न्यूनतम 8 डिग्री रहने की संभावना है, जो सामान्य से अधिक है।

Wheat crop : हरियाणा का मौसम इन दिनों किसानों के लिए किसी बड़े plot twist जैसा बन गया है। जींद जिले में तापमान का पारा (temperature) अचानक ऊपर चढ़ा हुआ है और किसानों की चिंता भी उसी रफ्तार से बढ़ रही है। शुक्रवार को यहां अधिकतम तापमान 18 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री दर्ज होने की उम्मीद है। यह तापमान सामान्य से अधिक है और इसी वजह से किसान भाई अपने खेतों की ओर बार-बार नजर दौड़ा रहे हैं।

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गेहूं को चाहिए ठंडी हवा

जनवरी और फरवरी के महीने गेहूं की फसल के लिए premium season माने जाते हैं। इन दिनों ठंडी हवाएं (cold winds) और कम तापमान फसल को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। लेकिन भाई साहब इस बार मौसम ने कुछ और ही खेल खेल दिया है। तापमान का बढ़ना मतलब गेहूं की फसल का समय से पहले पक जाना। इससे दाना कमजोर हो जाएगा और उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है।

कृषि विशेषज्ञ यशपाल मलिक का कहना है “अगर तापमान 4-5 दिन तक ज्यादा रहता है तो कोई बड़ी समस्या नहीं होगी। लेकिन अगर यह 10-15 दिन तक ऐसा ही रहा तो गेहूं की फसल को major damage हो सकता है।”

किसानों के लिए टिप्स

कृषि विभाग और विशेषज्ञ लगातार किसानों को फसल बचाने के लिए सलाह दे रहे हैं। किसानों को कहा गया है कि वे जरूरत के मुताबिक फसल में सिंचाई करें। Over-irrigation से बचें क्योंकि इससे फसल कमजोर हो सकती है।

यूरिया के इस्तेमाल को लेकर भी चेतावनी दी गई है। ज्यादा यूरिया डालने से गेहूं की फसल में तेला और चेपा जैसी बीमारियां लग सकती हैं। इन बीमारियों का मतलब है कि आपकी मेहनत का फल किसी और के हिस्से चला जाएगा।

जिला कृषि उप निदेशक डॉ. गिरिश नागपाल का कहना है “अभी तापमान में मामूली बढ़ोत्तरी हुई है। किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर अगले 10-15 दिन तक तापमान ऐसा ही रहा तो फसल को नुकसान हो सकता है।”

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बारिश बनी उम्मीद की किरण

मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने बताया कि 29 जनवरी को जींद और आसपास के इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है। अगर बारिश होती है तो यह किसानों के लिए राहत की बात होगी। लेकिन अगर बारिश नहीं हुई तो बढ़ा हुआ तापमान गेहूं की फसल के लिए बिल्कुल unfriendly साबित हो सकता है।

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