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किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए सिरसा के गुरशरण सिंह, ड्रैगन फ्रूट की खेती से कमाए लाखों रुपये

आजकल के समय में किसान अपनी पारंपरिक खेती के अलावा नई तकनीकों को अपनाकर अपने कृषि व्यवसाय को बढ़ावा दे रहे हैं। सिरसा जिले के किसान गुरशरण सिंह ने अपनी प्रगतिशील सोच और मेहनत से ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती को न केवल एक सफल व्यवसाय बनाया बल्कि दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। गुरशरण सिंह का मानना है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसान आसानी से अपने आय के स्तर को बढ़ा सकते हैं खासकर जब पानी की कमी और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियाँ बढ़ रही हैं।

Sirsa Dragon Fruit Cultivation: ड्रैगन फ्रूट जिसे “पिटाया” भी कहा जाता है बाग कैक्टेसिया (Cactaceae) परिवार से संबंधित है और इसके फल विशेष रूप से मीठे और रसीले होते हैं। इसे सलाद जेली शेक और मुरब्बा बनाने में उपयोग किया जाता है। sirsa के कृषि विज्ञान केंद्र के संयोजक डॉ. देवेंद्र जाखड़ ने बताया कि गिरते हुए भूमिगत जलस्तर (groundwater level) के मद्देनजर ड्रैगन फ्रूट की खेती एक उत्तम विकल्प बनकर उभरी है। यह कम पानी में उग सकता है और इसे विभिन्न प्रकार की मिट्टी में भी उगाया जा सकता है। इसलिए यह जलवायु और पानी की कमी से प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक आदर्श फसल साबित हो सकता है।

गुरशरण सिंह ने बताया कि उन्होंने इस पौधे की खेती 4 कनाल जमीन पर की थी। इसके लिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका से उच्च गुणवत्ता वाले पौधे मंगवाए और इन पौधों की देखभाल के लिए 7 फीट ऊंचे कंकरीट के पोल का इस्तेमाल किया। उनका कहना है कि ड्रैगन फ्रूट के पौधे बेलनूमा होते हैं और 18 महीने में फल देने लगते हैं। एक पौधा साल में औसतन 80 किलोग्राम फल देता है जिससे किसानों को एक अच्छा मुनाफा होता है।

गुरशरण सिंह ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। उनके खेत में अब एक नए प्रकार की फसल के रूप में यह फल उग रहा है जो उन्हें सालाना लगभग 5 लाख रुपये की आय दे रहा है। इसकी विशेषता यह है कि यह न केवल स्वाद में शानदार होता है बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह डेंगू और कमजोर हड्डियों के लिए अत्यंत लाभकारी है क्योंकि इसमें एंटीवायरल गुण होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट (boost) करते हैं।

सिरसा के गुरशरण सिंह का यह अनुभव यह साबित करता है कि अगर किसान अपने विचारों में नवीनता लाते हैं और नई तकनीकों को अपनाते हैं तो वे अपनी जिंदगी में बदलाव ला सकते हैं। उनकी प्रेरणा से अन्य किसान भी इस फसल की खेती करने के बारे में सोच रहे हैं और अब सिरसा जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती का चलन बढ़ रहा है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती में शुरुआती निवेश कम है और इसकी देखभाल भी अन्य फसलों के मुकाबले ज्यादा कठिन नहीं है। किसान इसे उगाकर आसानी से अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। गुरशरण सिंह का मानना है कि यदि इस प्रकार की खेती को अधिक से अधिक किसान अपनाएंगे तो ना केवल उनकी आय में वृद्धि होगी बल्कि इससे कृषि क्षेत्र में भी सुधार होगा।

Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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