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हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, गैर-बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि से बढ़ेगी आय

इस समझौते के अनुसार भारत इंडोनेशिया को प्रति वर्ष 10 लाख मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल की आपूर्ति करेगा। यह समझौता चार वर्षों के लिए मान्य होगा और स्वचालित रूप से अगले चार वर्षों के लिए नवीनीकृत हो सकेगा।

Haryana के किसानों के लिए नए साल की शुरुआत एक उपलब्धि के साथ हुई है। राज्य के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने घोषणा की है कि भारत सरकार ने इंडोनेशिया के साथ एक समझौता (MoU) किया है, जिसके तहत हर साल 10 लाख मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया जाएगा। इस पहल से किसानों की आय में वृद्धि होने की उम्मीद है।

निर्यात समझौते के प्रमुख बिंदु Haryana Farmers

इस समझौते के अनुसार भारत इंडोनेशिया को प्रति वर्ष 10 लाख मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल की आपूर्ति करेगा। यह समझौता चार वर्षों के लिए मान्य होगा और स्वचालित रूप से अगले चार वर्षों के लिए नवीनीकृत हो सकेगा। चावल की आपूर्ति राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) के माध्यम से की जाएगी, जो सहकारी समितियों से चावल की खरीद करेगा।

Haryana कृषि मंत्री का बयान

कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा, “इस समझौते से हरियाणा के किसानों को सीधा लाभ होगा। गैर-बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि से घरेलू बाजार में मांग बढ़ेगी, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलेगा।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस पहल से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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