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अब किसानों को गोबर के मिलेंगे 10 हजार रुपए, जानें कैसे करें योजना में आवेदन

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 'राज किसान साथी पोर्टल' पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया 12 नवंबर 2024 से शुरू हो चुकी है। इसके अलावा, जो किसान तकनीकी रूप से सक्षम नहीं हैं, वे ई-मित्र केंद्र के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं।

राजस्थान राज्य सरकार ने किसानों को जैविक खेती अपनाने और रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है। ‘गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना’ के तहत अब किसान अपने पशुओं के गोबर से जैविक खाद तैयार कर सकते हैं और इसके लिए राज्य सरकार उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान करेगी। इस योजना का उद्देश्य किसानों को जैविक खाद बनाने के लिए प्रोत्साहित करना और खेतों की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाना है।

गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना में आवेदन कैसे करें?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान ‘राज किसान साथी पोर्टल’ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया 12 नवंबर 2024 से शुरू हो चुकी है। इसके अलावा, जो किसान तकनीकी रूप से सक्षम नहीं हैं वे ई-मित्र केंद्र के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर चयन किया जाएगा इसलिए किसानों को जल्द से जल्द आवेदन करने की सलाह दी जाती है।

वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाने पर 50% अनुदान मिलेगा

इस योजना के तहत किसानों को वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाने के लिए लागत का 50% या अधिकतम 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके तहत, राज्य के कुल 18900 किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है, जिसमें सीकर जिले के 400 किसान भी शामिल हैं। जिला कृषि अधिकारी राम निवास पालीवाल ने बताया कि प्रत्येक पंचायत समिति से 50 किसानों का चयन किया जाएगा और इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए जिले में कुल 40 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की आवश्यकताएं

इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतों में 20 फीट लंबी, 3 फीट चौड़ी और ढाई फीट गहरी वर्मी कम्पोस्ट यूनिट बनानी होगी। इसके साथ ही, किसानों को 8 से 10 किलो केंचुए अपने स्तर पर खरीदकर यूनिट में छोड़ने होंगे। यह प्रक्रिया जैविक खाद उत्पादन के लिए अत्यधिक प्रभावी साबित होगी। इसके अलावा, योजना के तहत चयनित किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा, ताकि वे खाद निर्माण की पूरी प्रक्रिया को सही ढंग से समझ सकें।

पात्रता मानदंड

  1. आवेदक को राजस्थान का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  2. किसान के पास गौवंश के कम से कम 5 पशु होने चाहिए।
  3. आवेदन करने वाले किसानों को योजना के अंतर्गत दिए गए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
  4. योजना का लाभ लेने के लिए केवल वे किसान पात्र होंगे जिन्होंने पहले से ही रासायनिक उर्वरक का उपयोग कम कर दिया है।

किस श्रेणी के किसानों को मिलेगा लाभ?

राज्य सरकार ने योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों के किसानों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। इसमें सामान्य श्रेणी के 12,627 किसान, अनुसूचित जाति (SC) के 3,202 किसान और अनुसूचित जनजाति (ST) के 3,071 किसान लाभान्वित होंगे।

योजना का उद्देश्य: जैविक खेती को बढ़ावा देना

राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य रासायनिक खादों के कारण हो रहे मिट्टी के नुकसान को कम करना है। जैविक खाद न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है, बल्कि खेती की लागत को भी कम करती है। इस योजना से किसानों को अपने पशुओं के गोबर का सही उपयोग करने और अधिक उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

आवेदन कैसे करें?

  • ऑनलाइन पोर्टल: राज किसान साथी पोर्टल पर लॉगिन करके आवेदन करें।
  • ई-मित्र केंद्र: जिन किसानों को ऑनलाइन आवेदन में समस्या है, वे ई-मित्र केंद्रों से मदद ले सकते हैं।

‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर लाभ वितरण

इस योजना के तहत चयन ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा। इसलिए, जिन किसानों को इस योजना का लाभ उठाना है, उन्हें शीघ्रता से आवेदन करना होगा। हर जिले में 400 किसानों को इस योजना से जोड़ा जाएगा, जिसमें प्रत्येक पंचायत समिति से 50 किसानों का चयन किया जाएगा।

योजना के तहत क्या होंगे लाभ?

  • जैविक खाद बनाने पर 50% अनुदान या अधिकतम 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता।
  • किसानों को जैविक खाद उत्पादन के लिए तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण।
  • राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक स्थायी कृषि प्रणाली का विकास।

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Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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