नए साल पर किसानों के लिए राहत की खबर, इस देश को 2 लाख टन गेहूं भेजने का रास्ता साफ
देश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब नेपाल (Nepal) को भारत से गेहूं के निर्यात (Wheat Export) की अनुमति मिल गई है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने शनिवार को इस निर्यात को मंजूरी देने का सर्कुलर जारी किया है।
Wheat export 2025: यह फैसला उस वक्त लिया गया है जब भारत में गेहूं के निर्यात पर रोक लगी हुई थी। यह कदम कृषि क्षेत्र के लिए एक अहम पहल माना जा रहा है क्योंकि इससे व्यापार की दिशा में भी सुधार हो सकता है और घरेलू बाजार पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।
दूसरी ओर इस फैसले से नेपाल को खाद्य सुरक्षा (Food Security) के लिए भी मदद मिल रही है क्योंकि यहाँ के किसानों ने भी संकट की स्थिति को देखते हुए गेहूं की कमी के बारे में सरकार से निवेदन किया था। भारत के गेहूं की गुणवत्ता और उर्वरक उत्पादन में बढ़ोतरी के चलते नेपाल समेत अन्य देशों के साथ खाद्य सुरक्षा मुद्दे पर यह निर्यात गतिविधि की जा रही है। यह प्रक्रिया नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) द्वारा पूरी की जाएगी। अब तक नेपाल ने खाद्य संकट से निपटने के लिए भारत से लगभग 2 लाख टन गेहूं खरीदने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है।
भारतीय सरकार ने वैश्विक व्यापार के दृष्टिकोण से यह कदम उठाया है लेकिन घरेलू आपूर्ति को सुरक्षित रखने के लिए गेहूं के निर्यात पर पूर्व में जो प्रतिबंध लगे थे वे भी अब लागू रहेंगे। इस पहल से न केवल किसानों को वैश्विक बाजार में पहुंचने का अवसर मिलेगा बल्कि नेपाल जैसे देश अपनी खाद्य आपूर्ति को भी मजबूत कर पाएंगे।
सिंथेटिक निटेड फैब्रिक्स पर भी राहत
इसी के साथ, सरकार ने सिंथेटिक निटेड फैब्रिक्स (Synthetic Knitted Fabrics) के लिए न्यूनतम आयात शर्तों (Minimum Import Price) में छूट देने का फैसला लिया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिसे लेकर सरकार ने हाल ही में विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) से एक अलग सर्कुलर जारी किया है। यह छूट भारत में सस्ते सिंथेटिक कपड़ों के आयात को नियंत्रित करने के लिए लागू की जा रही है।
सिंथेटिक निटेड फैब्रिक्स पर सख्ती से 3.5 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम (Per Kg) का MEP लागू किया गया है। इसके जरिए भारत में सस्ते उत्पादों की आवक को कम किया जा सकेगा और भारतीय उद्योग को बचाया जा सकेगा, जो अब तक इससे प्रभावित हो रहा था।
वहीं, दूसरी ओर, मौजूदा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) और बढ़ते उत्पादन से संबंधित संकट के कारण सरकार ने अब सस्ते विदेशी कपड़ों के आयात पर कड़ी नजर रखने का फैसला लिया है। सरकार का मानना है कि यह कदम घरेलू उद्योग को भी मजबूती देगा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि कर सकता है।
भारत में गेहूं पर लगाया गया निर्यात प्रतिबंध
भारत सरकार ने मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि खराब मौसम (Bad Weather) और असमय बारिश (Unseasonal Rains) के कारण गेहूं की पैदावार में कमी आई थी। भारत का गेहूं उत्पादन जो पहले देश के लिए समृद्धि का प्रतीक था, अब वैश्विक स्तर पर कम हो गया। गेहूं का संकट भारत में सबसे बड़ा मुद्दा था, खासकर गरीब और कमजोर वर्ग के लिए। सरकार ने फिलहाल इस संकट से निपटने के लिए गेहूं के निर्यात पर रोक जारी रखी थी।
भारतीय कृषि उत्पादों के सबसे बड़े खरीदारों में से एक भारत चीन नहीं बल्कि मध्य-पूर्वी और एशियाई देशों में स्थित नेपाल और बांगलादेश हैं। इसके अतिरिक्त, भारत गेहूं का निर्यात पाकिस्तान (Pakistan) जैसे देशों के साथ भी करेगा जो कि किसी भी अन्य तरीके से भारत से इस सामान का आयात करते हैं।
लेकिन भारत का गेहूं के अंतरराष्ट्रीय बाजार में हिस्सा अब पहले की तुलना में केवल 1% के करीब रह गया है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार का यह कदम देश की कृषि नीति (Agriculture Policy) को भी नई दिशा देगा और बेहतर समय में इसे अपने किसानों के लिए लाभकारी साबित कर सकती है।
खाद्य सुरक्षा और वैश्विक व्यापार
हालाँकि भारत गेहूं के उत्पादक देशों में एक प्रमुख स्थान रखता है लेकिन इसके बढ़ते निर्यात के बावजूद, भारत को वैश्विक संकटों का भी सामना करना पड़ा है। वैश्विक खाद्य सुरक्षा संकट (Global Food Security Crisis) और खेती में पर्यावरणीय (Environmental Factors) प्रभाव, दोनों ही व्यापार व अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में अहम हो गए हैं।
सरकार को इस संबंध में ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि आगामी समय में जब गेहूं का उत्पादन कई अन्य विकासशील देशों में भी असर डालने वाला था, तो सबसे ज्यादा ध्यान किसान की खाद्य आपूर्ति और घरेलू आपूर्ति रखनी है।
तो इस बार सरकार का यह कदम किसानों के लिए राहत लेकर आया है जबकि दुनिया के भूखमरी और खाद्य संकट से जुड़े देश ऐसे निर्यात से अपने खाद्य स्टॉक को मजबूत कर पा रहे हैं।