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Wheat Price : आज गेहूं के भाव में आई बड़ी गिरावट | दो दिनों में 100 रूपये तक टूटे गेहूं के भाव

गेहूं के भाव में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले सरकारी खरीद में कमी और बढ़ती आवक के कारण मंडियों में गेहूं की उपलब्धता अधिक हो गई है जिससे कीमतों में गिरावट आई है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गेहूं की कीमतों में गिरावट और मौसम की स्थिति भी एक बड़ा कारण हो सकता है।

आज 23 नवंबर 2024 को गेहूं के भाव में एक नया मोड़ आया है। दिल्ली मंडी में गेहूं का भाव 65 रुपये टूटकर 3025 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुँच गया है। पिछले दो दिनों में यह भाव कुल 110 रुपये गिर चुका है जिसमें कल 45 रुपये की कमी देखी गई थी। यह गिरावट किसानों के लिए चिंता का कारण बन गई है क्योंकि मंडी में गेहूं के भाव में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है। दिल्ली मंडी के अलावाअन्य प्रमुख मंडियों में भी गेहूं के भाव में कमी देखी गई है। उदाहरण के लिए नोहर मंडी में गेहूं का भाव 2935 रुपये रहा जिसमें 25 रुपये की गिरावट आई है।

वहीं धनबाद मंडी में 20 रुपये की मंदी देखी गई और गेहूं का भाव 2990 रुपये पर रहा। प्रयागराज मंडी में भी गेहूं के भाव में गिरावट दर्ज की गई जहां गेहूं का भाव 2925 रुपये रहा जिसमें 5 रुपये की कमी आई। कानपुर मंडी में गेहूं का नेट भाव 2950 रुपये पर स्थिर रहा जबकि कोलकाता मंडी में 10 रुपये की मंदी के साथ गेहूं का भाव 3160 रुपये रहा। गोरखपुर मंडी में भी 20 रुपये की गिरावट आई और गेहूं का भाव 2750 रुपये रहा जबकि आवक 5000 बोरी रही। इस गिरावट के कारण किसानों में चिंता है क्योंकि उन्हें उनकी फसल का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

अन्य मंडियों की स्थिति

वहींअन्य मंडियों में भी गेहूं के भाव में गिरावट का सिलसिला जारी है। अमृतसर मंडी में गेहूं का नेट भाव 3100 रुपये रहा जबकि राजकोट मंडी में 3000-3060 रुपये के बीच भाव देखने को मिला। डिबाई मंडी में 25 रुपये की मंदी आई और गेहूं का भाव 2825 रुपये रहा, जबकि अतरौली मंडी में 40 रुपये की गिरावट आई और गेहूं का भाव 2800 रुपये रहा। एटा मंडी में गेहूं के भाव में 70 रुपये की गिरावट आई और भाव 2700 रुपये प्रति क्विंटल रहा। खन्ना मंडी में गेहूं का भाव 3040-3050 रुपये के बीच रहा जबकि बेतूल मंडी में गेहूं का भाव 2950 रुपये दर्ज किया गया। जहांगीराबाद मंडी में 2750 रुपये पर भाव रहा और आवक 200 बोरी रही।

गिरावट का कारण

गेहूं के भाव में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले सरकारी खरीद में कमी और बढ़ती आवक के कारण मंडियों में गेहूं की उपलब्धता अधिक हो गई है जिससे कीमतों में गिरावट आई है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गेहूं की कीमतों में गिरावट और मौसम की स्थिति भी एक बड़ा कारण हो सकता है। भारतीय किसानों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है क्योंकि यह गिरावट उनके लाभ को प्रभावित कर रही है। इसके अलावा सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी असर मंडी भावों पर पड़ता है। गेहूं की खरीद में कमी के कारण किसान सही कीमत नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। ऐसे में किसानों को सही मूल्य मिलने के लिए सरकार से समर्थन की उम्मीद है।

मंडियों में आवक का प्रभाव

मंडियों में गेहूं की आवक भी इस गिरावट को प्रभावित कर रही है। गोरखपुर मंडी में 5000 बोरी की आवक के बावजूद भाव में गिरावट आई है। इसी प्रकार अन्य मंडियों में भी आवक का असर दिख रहा है। जबकि कुछ मंडियों में किसान गेहूं को बेचने के लिए मजबूर हैं वहीं कुछ किसान अपनी फसल को अधिक कीमतों के लिए थामे हुए हैं। इसके अलावा राजकोट और खन्ना जैसी मंडियों में भी व्यापारी गेहूं की खरीदारी कर रहे हैं लेकिन अन्य मंडियों में मंदी के कारण किसान कम कीमतों पर अपनी फसल बेचने को विवश हैं। इस समय में किसानों के लिए बाजार की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है।

सरकार की भूमिका

सरकार को इस गिरावट की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए कदम उठाने चाहिए। गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने और किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए नीतियां बनाई जा सकती हैं। इसके अलावा, मंडी प्रणाली को सुधारने के लिए और किसानों को वित्तीय मदद देने के लिए योजनाएं बनाई जा सकती हैं। यह समय किसान समुदाय के लिए चुनौतीपूर्ण है लेकिन उम्मीद की जाती है कि सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाएगी।

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Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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