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Haryana: हरियाणा के इन जिलों में ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान, सरकार ने मांगी खराब फसल की रिपोर्ट

फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और जींद जिले में बारिश और ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई है। ग्रामीण इलाकों में विशेषकर सरसों और गेहूं की फसल पर गहरा प्रभाव पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक फतेहाबाद जिले के करीब 15 गांव, जैसे ढांगर, बिगर, सालमखेड़ा, बड़ोपल और मोहम्मदपुर रोही, ओलावृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

हरियाणा में बीते कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों पर गंभीर प्रभाव डाला है। किसानों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि कई क्षेत्रों में गेहूं और सरसों की फसल बर्बाद हो गई है। इस प्राकृतिक आपदा ने कृषि पर आधारित परिवारों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग करते हुए कहा है कि नुकसान का आकलन जल्द से जल्द किया जाए।

इन जिलों में सबसे अधिक नुकसान

फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और जींद जिले में बारिश और ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई है। ग्रामीण इलाकों में विशेषकर सरसों और गेहूं की फसल पर गहरा प्रभाव पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक फतेहाबाद जिले के करीब 15 गांव, जैसे ढांगर, बिगर, सालमखेड़ा, बड़ोपल और मोहम्मदपुर रोही, ओलावृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। ग्राम स्वराज किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जोगेंद्र तालु ने राज्य सरकार से अपील की है कि किसानों को तत्काल राहत प्रदान की जाए।

किसानों की मांग

किसानों ने राज्य सरकार से नुकसान का सही आकलन कराने और गिरदावरी प्रक्रिया के जरिए मुआवजा सुनिश्चित करने की मांग की है। आदमपुर और नारनौंद के आसपास के गांवों में भी ओलावृष्टि से फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है। आदमपुर विधायक चंद्र प्रकाश ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सरकार को इस संकट के समाधान के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।

विशेषज्ञों का क्या कहना है?

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि बारिश से ओलावृष्टि ने नुकसान किया है लेकिन इससे कुछ सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ. ओपी बिश्नोई के अनुसार सरसों की फसल को थोड़ा नुकसान हुआ है जबकि गेहूं की फसल को अधिक नुकसान नहीं हुआ है। बारिश के कारण मिट्टी में नमी बढ़ी है, जिससे फसलों की बेहतर वृद्धि की संभावना है।

दीर्घकालिक लाभ भी संभव

भिवानी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. देवी लाल ने कहा कि बारिश के कारण दिन और रात के तापमान में कमी आई है जो रबी फसलों के लिए फायदेमंद है। इससे गेहूं, सरसों और चने की फसल को आवश्यक नमी मिली है जो उनकी वृद्धि में मदद करेगी। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि जनवरी में सिंचाई के खर्च में बचत होने से किसानों को थोड़ी राहत मिलेगी।

किसानों के लिए राहत के सुझाव

ओलावृष्टि के तुरंत बाद किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ा है। हालांकि दीर्घकालिक रूप से बारिश ने मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार किया है जिससे आने वाली फसलें बेहतर हो सकती हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि राज्य सरकार को किसानों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और उनके लिए राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।

ओलावृष्टि का व्यापक असर

बारिश के साथ ओलावृष्टि ने हरियाणा के कई जिलों में कृषि क्षेत्र को प्रभावित किया है। हिसार जिले में आदमपुर और नारनौंद के करीब 15 गांवों में ओलावृष्टि की घटनाएं सामने आई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक हिसार जिले में दोपहर तक 12 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इन घटनाओं से खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।

जिला उपायुक्तों को दिए गए निर्देश

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुई नुकसान को लेकर जिला उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी गई है। फिलहाल, प्रारंभिक आकलन के आधार पर भिवानी जिले के तोशाम, लोहारू, भवानी खेड़ा, फतेहाबाद जिले के फतेहाबाद, रतिया, भट्ट कलां, हिसार जिले के नारनौंद व हांसी, महेंद्रगढ़ व नारनौल, रेवाड़ी जिले में बावल व हथीन सहित कनीना क्षेत्रों में फसल नुकसान की संभावना है। इसको लेकर जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि जिलावार फसल नुकसान की रिपोर्ट भेजी जाए।

Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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