उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच 11300 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा नया हाईटेक एक्सप्रेसवे, इन गावों की बदलेगी तस्वीर
A new high-tech expressway will be built between Uttar Pradesh and Madhya Pradesh at a cost of Rs 11300 crore, the picture of these villages will change
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए एक नया 600 किलोमीटर लंबा हाईवे बनाया जा रहा है। यह हाईवे लखनऊ और भोपाल के बीच की दूरी को कम करेगा और यात्रा के समय को भी घटाएगा। यह नया हाईवे केवल सड़क मार्ग को बेहतर बनाने के लिए नहीं है बल्कि यह दोनों राज्यों के बीच यात्रा को सुगम और तेज़ करने का एक साधन बनने वाला है। इस हाईवे का निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा और इसके लिए 11300 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान लगाया गया है।
11300 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा हाईवे
लखनऊ और भोपाल को जोड़ने वाले इस नए हाईवे का निर्माण 11300 करोड़ रुपए की भारी भरकम लागत से किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल इन दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करना है बल्कि यह भी है कि इससे गुजरने वाले गांवों और कस्बों की तकदीर बदली जाए। हाईवे के निर्माण के बाद इन गांवों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
लखनऊ से भोपाल का सफर 7 घंटे में होगा पूरा
वर्तमान में लखनऊ से भोपाल की यात्रा में लगभग 12 घंटे का समय लगता है लेकिन इस नए हाईवे के निर्माण के बाद यह सफर केवल 7 घंटे में ही पूरा हो सकेगा। यह न केवल समय की बचत करेगा बल्कि इससे यात्रा की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। यात्री अब लंबी यात्रा के लिए चिंता नहीं करेंगे बल्कि उन्हें एक तेज और आरामदायक सफर का अनुभव होगा। इस हाईवे का निर्माण बेहतर गुणवत्ता वाली सड़कों के साथ किया जाएगा जिससे यातायात की समस्याओं का भी समाधान होगा।
इन गांवों की बदलने वाली है तकदीर
लखनऊ से भोपाल के बीच बनने वाले इस नए हाईवे का सबसे बड़ा लाभ उन गांवों और कस्बों को मिलेगा जिनसे यह राजमार्ग होकर गुजरेगा। इस राजमार्ग से महाराजपुर, छतरपुर, बिजावर और बड़ामलहरा तहसीलों के लगभग 57 गांव प्रभावित होंगे। इन गांवों में बरौली, रायपुर, चितौली, जलाला, पचखुरा बुजुर्ग, परसेंढ़ा मुस्तकिल, गंगूपुर, श्यामपुर, टेढ़ा, अराजी मुतनाजा पंधेरी, अनोइया, लहुरीमऊ कासिमपुर, परास द्वितीय खंड, कोरिया पूर्वी, बावन, मदुरी, देवगांव गहतौली, पढ़ौली, पारा, बरीपाल, पड़री लालपुर, सतरहुली, सरांय, सिरोह, भदेवना, छाजा, रामसारी, मिर्जापुर, कुम्हेड़िया, ओरिया, बम्हौरा, इतर्रा, गुच्चुपुर, परास प्रथम खंड, कोरिया पश्चिमी, कोहरा, सजेती, बम्हौरी, असगहा, पड़री गंगादीन, सिरसा, कंधौली, धरछुआ, मैधरी, असवार मऊ, समुही, परसेंढ़ा एहतमाली, इटरा, चंदनपुरवा बुजुर्ग, भौनियां, पत्योरा दरिया और पत्योरा डांडा शामिल हैं।
इन गांवों और कस्बों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलने से उनकी अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आ सकता है। व्यापार और कृषि में सुधार की उम्मीद की जा रही है जिससे स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। इसके अलावा यह हाईवे शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं तक पहुंच को भी आसान बनाएगा जिससे इन क्षेत्रों के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
परियोजना का तीन चरणों में होगा निर्माण
इस परियोजना का निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा जिसमें पहले चरण में सड़क निर्माण और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। दूसरे चरण में हाईवे का विस्तार और उसमें आवश्यक सुधार किए जाएंगे। तीसरे और अंतिम चरण में हाईवे को पूरी तरह से तैयार कर जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 11300 करोड़ रुपए की लागत खर्च की जाएगी जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाईवे की गुणवत्ता उच्चतम स्तर की हो और यह लंबे समय तक टिकाऊ रहे।
इस हाईवे से क्या बदलेंगे हालात?
इस नए हाईवे के निर्माण के बाद दोनों राज्यों के बीच व्यापार, पर्यटन और अन्य गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है। इससे न केवल यात्रा का समय घटेगा बल्कि इन दोनों राज्यों के बीच आर्थिक संबंध भी मजबूत होंगे। इसके अलावा हाईवे से जुड़े गांवों और कस्बों में नई आर्थिक संभावनाओं का विकास होगा जिससे वहां के लोगों को नए रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।
यह हाईवे परियोजना उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी और दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद लखनऊ से भोपाल तक का सफर न केवल सुगम होगा बल्कि यह एक ऐसा अनुभव होगा जो इन दोनों राज्यों के बीच के विकास और समृद्धि को एक नए आयाम पर पहुंचाएगा।