Arvind Kejriwal Bail : 177 दिनों बाद जेल से बाहर आए दिल्ली के सीएम, इन 6 शर्तों पर मिली केजरीवाल को जमानत
Kejriwal bail conditions : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार 13 सितंबर 2024 को जेल से रिहा होने के बाद एक बड़ा बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि जेल में डालने के बावजूद उनका हौसला सौ गुना बढ़ गया है। यह बयान उनके समर्थकों और राजनीतिक विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें जेल में डालकर उनकी ताकत और हिम्मत को तोड़ने की कोशिश की गई थी लेकिन उनका आत्मबल अब और भी बढ़ गया है।
"मेरा हौसला 100 गुना बढ़ गया"
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आए और उनके समर्थकों में जश्न का माहौल बन गया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा "जेल में डालकर मुझे कमजोर समझा गया लेकिन मेरा हौसला अब सौ गुना ज्यादा है।" इस बयान से यह साफ हो गया कि वह अपने विरोधियों के खिलाफ और भी मजबूती से खड़े हैं।
केजरीवाल ने अपने संबोधन में भगवान का धन्यवाद किया और अपने समर्थकों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों ने उनके लिए दुआएं मांगीं मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारे गए जिसकी वजह से आज वह जेल से बाहर आ सके हैं। "मेरे खून का हर कतरा देश के लिए है" उन्होंने कहा।
जमानत मिलने के बाद केजरीवाल का राष्ट्रीय राजनीति की ओर रुख?
केजरीवाल के बयान से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि वह अब खुद को एक राष्ट्रीय नेता के रूप में देख रहे हैं। पहले उन्होंने कहा था कि उनके खून का एक-एक कतरा दिल्ली के लिए है लेकिन अब वह इसे देश के नाम समर्पित कर रहे हैं। उनका यह बयान आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के संदर्भ में भी देखा जा रहा है जहां उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) अपनी सियासी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तिहाड़ जेल के बाहर उनका जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और कई अन्य नेता मौजूद थे। बारिश के बावजूद कार्यकर्ताओं ने बैंड-बाजे और आतिशबाजी से केजरीवाल का स्वागत किया।
इन शर्तों के मुताबिक मिली जमानत
- वह मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे।
- किसी भी सरकारी फाइल पर साइन नहीं करेंगे।
- केस से जुड़ा कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।
- उन्हें 10 लाख रुपये का बेल बॉन्ड भरना होगा।
- वह जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।
- जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।