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1 August New Rule : एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में बढ़ोतरी, आज से लागू हुए नए रेट

1 August New Rule : LPG gas cylinder price hike, new rates effective today
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1 August New Rule
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LPG Price Hike : 1 अगस्त से एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है। यह बढ़ोतरी कमर्शियल सिलेंडर के रेट में की गई है। तेल कंपनियों ने 1 जुलाई को कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 30 रुपये की कटौती की थी, लेकिन अब 1 अगस्त से सिलेंडर को 6.50 रुपये महंगा कर दिया गया है। इस बदलाव के साथ दिल्ली में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1646 रुपये से बढ़कर 1652.50 रुपये हो गई है।

इससे पहले 31 जुलाई तक 19 किलो वाला कमर्शियल गैस सिलेंडर 1646 रुपये में मिल रहा था। अब 1 अगस्त से यह कीमत बढ़कर 1652.50 रुपये हो गई है। यह बढ़ोतरी देश के विभिन्न महानगरों में भी देखी गई है।

किस शहर में कितना महंगा हुआ गैस सिलेंडर

अगस्त के पहले दिन की बढ़ोतरी का असर देश के चारों महानगरों में देखा गया है। कोलकाता में पहले यह सिलेंडर 1756 रुपये का मिलता था जो अब 1764.50 रुपये का मिलेगा। मुंबई में कीमत 1598 रुपये से बढ़कर 1605 रुपये हो गई है। इसी तरह चेन्नई में इस सिलेंडर के लिए 1809.50 रुपये की बजाय अब 1817 रुपये चुकाने होंगे।

इस प्रकार कंपनियों ने कोलकाता में सबसे ज्यादा 8.50 रुपये का इजाफा किया है। इस बढ़ोतरी का सीधा असर छोटे और मध्यम व्यवसायों पर पड़ेगा जो कमर्शियल सिलेंडर का उपयोग करते हैं।

घरेलू सिलेंडर की कीमत में बदलाव नहीं

दूसरी तरफ कंपनियों ने घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है। यह सिलेंडर पहले की ही तरह दिल्ली में 803 रुपये की दर पर मिलता रहेगा। इसके अलावा 14.2 किलो वाला घरेलू एलपीजी सिलेंडर कोलकाता में 829 रुपये, मुंबई में 802.50 रुपये और चेन्नई में 818.50 रुपये का है।

घरेलू सिलेंडर की कीमत में स्थिरता आम जनता के लिए राहत की बात है जबकि कमर्शियल सिलेंडर की बढ़ी हुई कीमतों का बोझ व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्रों पर पड़ेगा।

हवाई ईंधन के दाम में भी बढ़ोतरी

तेल कंपनियों ने हवाई ईंधन के दाम में भी बढ़ोतरी की है। इसके रेट में 3006.71 रुपये प्रति किलो लीटर की बढ़ोतरी की गई है। नया रेट आज से ही लागू होगा। हवाई ईंधन के दाम में बढ़ोतरी का असर भी व्यापक रूप से देखा जाएगा क्योंकि इससे हवाई यात्रा की लागत बढ़ जाएगी और एयरलाइंस कंपनियों के परिचालन खर्च में वृद्धि होगी।

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