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बिहार की 16 साल की मांग हुई पूरी, यहाँ बिछाई जाएगी नई रेल लाइन, इन शहरों की लगी लॉटरी

औरंगाबाद से बिहटा तक रेल लाइन बनाने का सर्वे किया जा रहा है। इस रेल लाइन पर कुल 12 स्टेशन बनाने का सर्वे किया गया है। इस रेल लाइन पर विक्रम, दुल्हिन बाजार, पालीगंज, बारा, अरवल, खभैंणी, मेहंदिया कलेर, शमशेर नगर, दाउदनगर, ओबरा और भ्रथौली में नए स्टेशन बनाने के लिए सर्वे हुआ है।
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Aurangabad to Bihta railway line
Aurangabad to Bihta railway line

लखनऊ: यूपी के औरंगाबाद और बिहटा के बीच रेल लाइन बनाने के लिए कई सालों से मांग चल रही है। बीते दो महीने पहले अंतरिम बजट के दौरान इस रेल लाइन परियोजना के लिए सरकार ने 376 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। औरंगाबाद और बिहटा के लोगों में खुशी का माहौल है और अनुमान लगाया जा रहा है जल्द ही रेलवे लाइन का काम शुरू हो जाएगा। इस रेल लाइन के बनने के बाद जिले में विकास की रफ्तार तेज हो जाएगी और लोगों को कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। बता दें कि औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन के लिए 16 सालों से आंदोलन चलाया जा रहा है।

बनेंगे 12 नए स्टेशन

औरंगाबाद से बिहटा तक रेल लाइन बनाने का सर्वे किया जा रहा है। इस रेल लाइन पर कुल 12 स्टेशन बनाने का सर्वे किया गया है। इस रेल लाइन पर विक्रम, दुल्हिन बाजार, पालीगंज, बारा, अरवल, खभैंणी, मेहंदिया कलेर, शमशेर नगर, दाउदनगर, ओबरा और भ्रथौली में नए स्टेशन बनाने के लिए सर्वे हुआ है। इसके साथ-साथ इस परियोजना में हाल्ट बनाने का काम भी किया जाएगा।

86 करोड़ में हुआ सर्वे

रेल लाइन आंदोलन का संचालन करने वाले मनोज सिंह यादव ने बताया कि इस रेल लाइन की मांग को पूरा करने के लिए पदयात्रा, दिल्ली जंतर मंतर पर धरना और बिहटा में रेल रोको आंदोलन भी चलाया गया था। इसके परिणाम स्वरुप 120 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के सर्वे के लिए 86 करोड़ रुपए दिए गए। सर्वे का काम 21 जनवरी को पूरा किया जा चुका है और अब रेल लाइन बनाने के लिए पैसा मिला है।

यह रेलवे लाइन बनने के बाद पटना, औरंगाबाद, अरवल जिले के करीबन 90 लाख लोगों को फायदा होगा। जिस क्षेत्र के लोगों को कई तरह के विकास कार्य करने का अवसर मिलेगा। तीनों जिलों में किसान, मजदूर, व्यापारी और छात्र-छात्राओं को यातायात का एक नया साधन मिल जाएगा।

आर्थिक और सामाजिक विकास

रेल लाइन के बनने से औरंगाबाद और बिहटा के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा जिससे दोनों शहरों के बीच व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों में तेजी आएगी। स्थानीय किसानों को अपने उत्पाद को बड़े बाजारों में ले जाने में आसानी होगी जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। व्यापारियों को भी इससे लाभ होगा क्योंकि वे अपने सामान को तेजी से और कम लागत में एक जगह से दूसरी जगह भेज सकेंगे।

शिक्षा के क्षेत्र में भी इस रेल लाइन का बड़ा असर होगा। औरंगाबाद और बिहटा के छात्र-छात्राओं को पटना जैसे शहरों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा होगी। इससे शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और विद्यार्थियों को नए अवसर मिलेंगे।

रोजगार के अवसर

इस रेल लाइन परियोजना के निर्माण के दौरान स्थानीय स्तर पर रोजगार के कई अवसर उत्पन्न होंगे। निर्माण कार्य के लिए मजदूरों, इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों की आवश्यकता होगी जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही, रेल लाइन के संचालन के बाद भी कई नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

रेलवे स्टेशन और हाल्ट पर विभिन्न प्रकार की सेवाओं की जरूरत होगी जैसे कि टिकट काउंटर, सुरक्षा कर्मी, सफाई कर्मी आदि। इन सेवाओं के लिए स्थानीय लोगों को ही प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।

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