नौकरियों के मुद्दे पर भाजपा, कांग्रेस ने एक-दूसरे पर साधा निशाना
नौकरियों के मुद्दे पर भाजपा, कांग्रेस ने एक-दूसरे पर निशाना साधा
विधानसभा चुनावों से पहले सरकारी नौकरियों का मुद्दा केंद्र में आ गया है और भाजपा तथा कांग्रेस दोनों के बीच वाकयुद्ध चल रहा है।
भाजपा नेता कांग्रेस को 'भर्ती रोको गैंग' बताकर घेर रहे हैं, वहीं कांग्रेस भाजपा पर शिक्षित युवाओं को अनुबंध पर नौकरी देकर उनका भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगा रही है और राज्य में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर के लिए भी भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रही है। यह मुद्दा इसलिए अहम हो गया है क्योंकि कल चंडीगढ़ में भाजपा युवा मोर्चा ने विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास का घेराव करने की भी कोशिश की।
राजनीतिक पर्यवेक्षक डॉ. सतबीर सिंह कहते हैं, "लोकसभा चुनाव के ठीक बाद, भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव में बेरोजगार युवाओं को लुभाने और कांग्रेस को इस मुद्दे पर हमला करने से रोकने के लिए हजारों पदों को भरने की घोषणा की। लगातार पेपर लीक, हरियाणा लोक सेवा आयोग कार्यालय से नकदी की बरामदगी, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष का निलंबन और हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के माध्यम से संविदा नौकरियों के मुद्दों को उठाकर देश की सबसे पुरानी पार्टी लगातार भाजपा को बैकफुट पर धकेल रही है।"
उन्होंने आगे दावा किया कि भाजपा ने भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने में बहुत देर कर दी और विधानसभा चुनावों में इस कदम से उसे कोई राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना नहीं है। भले ही युवा इसे चुनावी मुद्दा ही मानते हों, लेकिन दोनों पार्टियों ने युवा मतदाताओं के एक बड़े हिस्से, खासकर उन लोगों को ध्यान में रखते हुए भर्ती को मुख्य मुद्दा बनाया है जिन्हें नौकरी की ज़रूरत है।
सीएम नायब सिंह सैनी और अन्य भाजपा नेता अपनी चुनावी सभाओं और मीडिया से बातचीत में सरकारी नौकरियों का मुद्दा उठाना नहीं भूलते और भर्ती प्रक्रिया में रुकावट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हैं। यहां तक कि वे यह भी दावा करते रहते हैं कि सरकारी नौकरियां अब पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान प्रचलित “पर्ची-खर्ची” प्रणाली के आधार पर नहीं दी जा रही हैं। उन्होंने यह भी दावा किया है कि भाजपा ने पिछले एक दशक में हजारों युवाओं को योग्यता के आधार पर भर्ती सुनिश्चित की है।
इसी तरह, रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा 'हरियाणा मांगे हिसाब' अभियान के दौरान भाजपा सरकार से साफ तौर पर सवाल कर रहे हैं कि हरियाणा में बेरोजगारी दर पूरे देश में सबसे ज्यादा क्यों है। वे एचपीएससी कार्यालय से नकदी बरामद होने का मुद्दा भी उठा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि यह भर्ती में भ्रष्टाचार का संकेत है।
इसके अलावा भूपेंद्र हुड्डा ने एचकेआरएन के माध्यम से संविदा भर्ती को लेकर भी भाजपा सरकार पर हमला किया और कहा कि यह युवाओं को विनाश की ओर धकेल रही है क्योंकि ऐसी नौकरियों में वेतन वृद्धि और पदोन्नति का कोई प्रावधान नहीं है। भाजपा के नौकरी की गारंटी के वादे का मुकाबला करने के लिए हुड्डा ने सत्ता में आने पर एचकेआरएन कर्मचारियों के हितों का उचित ढंग से ध्यान रखने और सभी सुविधाएं देने की भी घोषणा की है।