8000 करोड़ की लागत से इस राज्य में टूटी-फूटी सड़कों का होगा कायाकल्प, मालामाल हो जाएंगे ये किसान
केंद्र सरकार से प्राप्त धनराशि को विभाग की सीमा से हटाने का प्रस्ताव है जिससे विभाग की बैंक ऑफ सेंक्शन सीमा बढ़ाई जा सकेगी और 8000 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों और पुलों का निर्माण शुरू हो सकेगा।
MP में सड़कें जो अब तक टूटी-फूटी थीं या कई जगहों पर मौजूद ही नहीं थीं जल्द ही चकाचक हो जाएंगी। केंद्र सरकार की ओर से MP को एक बड़ी सौगात मिली है जिसके तहत 8000 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश में नई सड़कों का निर्माण और पुरानी सड़कों का नवीनीकरण किया जाएगा। इस योजना के तहत शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक की सड़कें शामिल की जाएंगी जिससे राज्य के नागरिकों को एक नई और बेहतर सड़क सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण
यह पहली बार है जब MP में इतनी बड़ी लागत से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। राज्य के मंत्री और विधायक अपने विधानसभा क्षेत्रों में टूटी-फूटी सड़कों और सड़कों की कमी की शिकायतें लगातार कर रहे थे। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद और मंत्री विधायकों से मिले प्रस्तावों के आधार पर लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की सूची तैयार कर ली है। यह प्रयास इस दिशा में एक बड़ा कदम है जहां राज्य को केंद्र सरकार की बड़ी सौगात मिल रही है। कैबिनेट में प्रस्ताव लाए जाने की तैयारी हो रही है जिससे निर्धारित मानदंड से अधिक राशि की मंजूरी दी जा सके।
3,668 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण
MP में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए विधायकों से 15-15 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मांगे गए थे। इनमें से अधिकांश प्रस्तावों में पुलिया और सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दी गई है। इन प्रस्तावों को बजट में शामिल किया गया हैलेकिन धनराशि का केवल प्रतीकात्मक प्रावधान ही रखा गया है। वर्ष 2024-25 के बजट में 5000 करोड़ रुपये की लागत से 3,668 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा जिससे राज्य में विकास की गति तेज होगी और लोगों को बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी।
केंद्र सरकार से 10 हजार करोड़ रुपये का बजट
राज्य के निर्माण विभाग को केंद्र सरकार द्वारा 10 हजार करोड़ रुपये का बजट प्राप्त हुआ है लेकिन इससे प्रस्तावित सभी काम पूरे नहीं हो सकते। वित्त विभाग ने कैबिनेट की मंजूरी के लिए अधिक धन स्वीकृत करने का प्रस्ताव रखा है। केंद्रीय सड़क निधि की तीन हजार करोड़ रुपये की सीमा को भी बैंक ऑफ सेंक्शन में शामिल किया गया है जिससे सड़कों के निर्माण के लिए धन की पर्याप्त व्यवस्था हो सकेगी।
केंद्र सरकार से प्राप्त धनराशि को विभाग की सीमा से हटाने का प्रस्ताव है जिससे विभाग की बैंक ऑफ सेंक्शन सीमा बढ़ाई जा सकेगी और 8000 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों और पुलों का निर्माण शुरू हो सकेगा। खनिज क्षेत्र विकास निधि, केंद्रीय क्षेत्रीय योजना, अनुसूचित जाति-जनजाति उपयोजना और विशेष केंद्रीय सहायता के माध्यम से धन की व्यवस्था की जाएगी। इससे राज्य में सड़क निर्माण के काम को तेजी से पूरा किया जा सकेगा।