हरियाणा की ये 10 सीटें बदल सकती हैं राजनीतिक समीकरण ? राव इंद्रजीत सिंह ने BJP को दी चेतावनी
हरियाणा में गुरुग्राम से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री Rao Inderjit Singh ने मंगलवार को एक चुनावी जनसभा के दौरान अपनी ही पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस बार दक्षिणी हरियाणा में 14 से 15 सीटें मिली हैं, जो पहले कभी नहीं मिली थीं। उन्होंने इसे बीजेपी द्वारा उनकी ताकत को नजरअंदाज करने का संकेत बताया और कहा कि अब 10 साल बाद पार्टी ने उन्हें महत्व दिया है। Rao Inderjit Singh ने इस मौके पर कहा, "गांव में एक कहावत है कि 12 साल में तो कूड़ी का भी नंबर आ जाता है। हम कूड़ी से भी गए-गुजरे नहीं हैं, शायद अब हमारा नंबर आ सकता है।"
चुनावी जनसभा में साधा निशाना
Rao Inderjit Singh ने यह बयान रेवाड़ी के बावल विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बावल सीट पर कई दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने सर्वे में जो सबसे ऊपर था, उसे टिकट दे दिया। उन्होंने कहा, "डा. बनवारी लाल ने बावल में काम किया है, लेकिन एंटी इनकंबेंसी का भी एक कारण रहा। अब पार्टी के फैसले के अनुसार हमें कैंडिडेट को जिताना है।"
लोकसभा चुनाव का जिक्र
Rao Inderjit Singh ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए बताया कि 2019 के चुनाव में उन्हें जिस हलके से 70,000 से ज्यादा की लीड मिली थी, इस बार वह घटकर सिर्फ 22,000 रह गई। उन्होंने इसे चिंताजनक बताते हुए कहा कि इस बार ऐसी कोई गलती नहीं होनी चाहिए।
सीएम पद पर दावा
इससे पहले 9 सितंबर को रेवाड़ी में भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव के नामांकन के दौरान भी Rao Inderjit Singh ने अपने मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोका था। उन्होंने कहा था, "यहां की जनता चाहती है कि मैं सीएम बनूं। अगर जनता ने भाजपा का साथ नहीं दिया होता, तो मनोहर लाल खट्टर दो बार हरियाणा के सीएम नहीं बनते।"
रामपुरा हाउस की पकड़ कमजोर
Rao Inderjit Singh का परिवार 'रामपुरा हाउस' के नाम से जाना जाता है, जिसका दशकों से अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों पर दबदबा रहा है। इन सीटों में गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह और महेंद्रगढ़ जिलों की विधानसभा सीटें शामिल हैं। इस बार बीजेपी ने Rao Inderjit Singh की बेटी आरती राव को अटेली, अनिल डहीना को कोसली, डॉ. कृष्ण कुमार को बावल, ओमप्रकाश यादव को नारनौल, बिमला चौधरी को पटौदी से टिकट दी है। Rao Inderjit Singh की पसंद के चलते ही भाजपा के पुराने नेता लक्ष्मण सिंह यादव को रेवाड़ी और मुकेश शर्मा को गुरुग्राम से मैदान में उतारा गया है।
चुनावी मुश्किलें
हालांकि, पिछले कुछ चुनावों में रामपुरा हाउस की पकड़ कमजोर होती दिख रही है। चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में Rao Inderjit Singh खुद मुश्किल से जीत हासिल कर पाए थे। 2019 के चुनाव में रेवाड़ी सीट पर उन्होंने अपने समर्थक सुनील मुसेपुर को जिताने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब इस बार विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है।