शेयर बाजार की सतर्क चाल; अब चंद घंटों में होगा दुनिया को हिला देने वाला फैसला, भारत में दिखेगी तस्वीर...
अमेरिकी फेड रिजर्व 17 सितंबर को शुरू करेगा और 18 सितंबर को फैसले की घोषणा करेगा. इस दो दिवसीय बैठक में फैसला अमेरिकी शेयर बाजार के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार के लिए भी अहम होगा। भारतीय बाजार को भी फेड रिजर्व की बैठक से रेट कट की उम्मीद है, जिसका सकारात्मक या नकारात्मक असर पड़ेगा
अमेरिकी फेड के फैसले का भारतीय बाजार पर क्या असर होगा
वैश्विक ब्रोकरेज नुवामा ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक अमेरिकी फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती को देखते हुए भारतीय शेयर बाजार अब नई दिशा की ओर बढ़ रहे हैं , नुवामा ने कहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक सिद्धांत भारत में इक्विटी वैल्यूएशन को बढ़ावा देने वाली ऐसी गिरावट की ओर इशारा करते हैं, लेकिन ऐतिहासिक डेटा इसका समर्थन नहीं करता है।
कई भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के बावजूद भारतीय बाजार समर्थन स्तर पर मजबूती दिखा रहे हैं, जबकि 18 सितंबर को फेडरल रिजर्व कमेटी (FOMC) की बैठक में एक ऐसे फैसले की घोषणा की जाएगी जो ध्यान रखेगा। वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ निवेशकों के हित और दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2001 में फेड द्वारा दरों में कटौती शुरू करने के बाद भारतीय निफ्टी सूचकांक में 35% की महत्वपूर्ण गिरावट आई। कुछ साल बाद, 2007 में, बाजार ने शुरुआती उछाल का अनुभव किया, लेकिन वैश्विक वित्तीय के कारण 2008 में 60% तक गिर गया। संकट। हाल ही में, 2019 में, फेड द्वारा ढील के बावजूद बाजार काफी हद तक सतर्क रहा।
फेड की बैठक का भारतीय बाजारों पर असर की
बड़ी भविष्यवाणी , फेड रिजर्व की बैठक का भारतीय बाजार पर खासा असर पड़ सकता है। फेड निर्णय वैश्विक निवेशक भावना और पूंजी प्रवाह, विशेषकर ब्याज दरों को प्रभावित करते हैं। फेड बैठक में ब्याज दरों पर कोई भी बड़ा फैसला भारतीय बाजारों पर असर डाल सकता है। घरेलू शेयर बाजार का मूल्यांकन वर्तमान में ऊंचा है और फेड रेट में कटौती एक ट्रिगर हो सकती है, जो बाजारों को और ऊपर धकेल सकती है।
भारतीय बाजार धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से आकार ले रहे हैं लेकिन बाजार फेड के किसी भी फैसले से मुक्त नहीं हैं। जहां लंबी अवधि में निवेशक भारतीय बाजार को लेकर उत्साहित दिख रहे हैं, वहीं घरेलू बाजार फेड बैठक के फैसलों पर कड़ी नजर रखेंगे। भारतीय बाजार दरों में कटौती की उम्मीद में ऊंचाई के करीब फेड के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।