सिरसा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गोकुल सेतिया को मिली अतिरिक्त सुरक्षा, जानिए क्या है मामला ?
कांग्रेस के टिकट पर सिरसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे गोकुल सेतिया की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस विभाग की ओर से उन्हें दो अतिरिक्त गनमैन दिये गये हैं. यह फैसला गोकुल सेतिया द्वारा बंबीहा गिरोह से अपनी जान को खतरा बताने के बाद लिया गया। पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय सुभाषचंद ने थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से गनमैन उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
गोकुल सेतिया की सुरक्षा का कदम ऐसे समय में है जब चुनाव प्रक्रिया चल रही है। गोकुल सेतिया को पहले तीन गनमैन दिए गए थे और अब उनकी सुरक्षा बढ़ाकर पांच कर दी गई है. उनके आवास के आसपास नियमित गश्त के साथ-साथ गनमैन की तैनाती से यह स्थिति और भी सुरक्षित हो जायेगी.
बंबीहा गैंग का खतरा
गोकुल सेतिया ने बंबीहा गिरोह से अपनी जान को खतरा बताते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुरक्षा की याचिका दायर की थी। उन्होंने एक विशेष बुलेट प्रूफ वाहन की मंजूरी के लिए भी आवेदन किया था। हाई कोर्ट ने उनकी सुरक्षा को गंभीरता से लिया है और उनके लिए दो अतिरिक्त गनमैन उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया के दौरान गोकुल सेतिया को सुरक्षित रखना है। डीएसपी मुख्यालय सुभाषचंद ने पुलिस कर्मियों को सेतिया आवास के आसपास नियमित गश्त करने के निर्देश दिए हैं। इससे उनकी सुरक्षा और मजबूत होगी और संभावित खतरों को रोका जा सकेगा।
न्यायालय का आदेश
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक गोकुल सेतिया को मिले दो अतिरिक्त गनमैन फिलहाल अस्थायी तौर पर दिए गए हैं. इस आदेश से साफ हो गया है कि गोकुल सेतिया की सुरक्षा की गंभीरता समझ में आ रही है. कोर्ट के आदेश पर उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जिससे उन्हें मानसिक शांति भी मिलेगी.
गोकुल सेतिया ने बताया, "मैं अपने जीवन को लेकर चिंतित था। बंबीहा गिरोह की धमकी ने मुझे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया। अब मेरे पास अतिरिक्त सुरक्षा है, मैं चुनाव प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित कर सकता हूं।"
चुनावी माहौल
इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था से चुनावी माहौल में और हलचल देखने को मिलेगी. सभी राजनीतिक दलों के लिए यह एक चेतावनी है कि चुनावी मुकाबला कितना कठिन और चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता बढ़ गई है.
आगामी चुनाव में सिरसा में गोकुल सेतिया का कदम चुनावी राजनीति में एक नई मिसाल कायम कर सकता है. कई नेता और पार्टी कार्यकर्ता भी अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गए हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य नेताओं को भी ऐसी ही सुरक्षा मिलेगी।