फ़रीदाबाद-गुरुग्राम, बल्लबगढ़-पलवल मेट्रो कनेक्टिविटी पोल मुद्दा फिर
फरीदाबाद और गुरुग्राम तथा बल्लभगढ़ और पलवल शहरों के बीच मेट्रो रेल संपर्क राज्य विधानसभा चुनाव के लिए चल रहे प्रचार में एक बार फिर मुद्दा बनकर उभरा है।
फरीदाबाद निवासी ए.के. गौर कहते हैं, ''हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता चुप्पी साधे हुए हैं और पिछले 10 वर्षों में किए गए अन्य विकास कार्यों का ही बखान कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस मेट्रो कनेक्टिविटी के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रही है।''
उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला हाल के लोकसभा चुनावों में भी उजागर हुआ था, यह विपक्ष के लिए मुद्दा बना हुआ है, क्योंकि बहुत जोर-शोर से की गई घोषणाओं के बावजूद जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हुआ है।
उद्योगपति राजीव चावला कहते हैं, "हजारों लोग नौकरी और कारोबार के सिलसिले में गुरुग्राम और एनसीआर के दूसरे इलाकों में आते-जाते हैं। पड़ोसी शहरों के साथ स्मार्ट कनेक्टिविटी की कमी गुरुग्राम शहर के एक व्यावसायिक केंद्र के रूप में धीमी गति से विकसित होने के कारणों में से एक हो सकती है।"
बल्लभगढ़ से पूर्व विधायक और कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार शारदा राठौर इस मोर्चे पर राज्य और केंद्र सरकार पर पूरी तरह विफल होने का आरोप लगाते हैं। उनका कहना है कि मेट्रो कनेक्टिविटी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो भाजपा सरकार के झूठे वादों और विफलताओं को उजागर करने में मदद करेगा।
कांग्रेस विधायक और एनआईटी क्षेत्र से संभावित उम्मीदवार नीरज शर्मा कहते हैं, "चूंकि यह इन शहरों के बीच यात्रा करने वाले बड़ी संख्या में यात्रियों से संबंधित है, इसलिए राज्य में डबल इंजन सरकार की विफलता को उजागर करने के लिए चल रहे अभियान में मेट्रो का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा।"