सरकार की अनदेखी पर किसानों का रोष, 3 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन, चुनाव से पहले दिया अल्टीमेटम
हरियाणा के पिपली अनाज मंडी में रविवार को आयोजित किसान महापंचायत में किसान नेताओं ने सरकार पर उनकी अनदेखी के आरोप लगाए। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के आह्वान पर इस महापंचायत में किसानों ने जमकर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज किया। किसान नेताओं ने मंच से स्पष्ट कहा कि किसानों के साथ किए जा रहे अन्याय को कभी नहीं भुलाया जाएगा और इस विरोध के चलते 3 अक्टूबर को हरियाणा में दो घंटे के लिए रेल रोकने का आह्वान किया गया है।
किसान बदला जरूर लेगा - श्रवण सिंह पंधेर
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के अध्यक्ष श्रवण सिंह पंधेर ने सरकार पर किसानों के साथ किए गए अत्याचारों का जिक्र करते हुए कहा कि किसान इसका बदला जरूर लेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों को नजरअंदाज किया तो किसान एकजुट होकर भविष्य में और मजबूत आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर गारंटी कानून किसानों का कर्जा माफी और न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। श्रवण सिंह ने बताया कि दिल्ली में किसानों का आंदोलन 223 दिनों से जारी है और अभी इसका कोई अंत नजर नहीं आता।
सरकार को देना होगा हिसाब - जगजीत सिंह डल्लेवाल
किसान मजदूर मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपने भाषण में कहा कि सरकारों को किसानों की अनदेखी का हिसाब देना होगा। उन्होंने कहा कि अब किसान ऐसी रणनीति बनाएंगे कि भविष्य में कोई भी राजनीतिक दल उनकी मांगों को नजरअंदाज नहीं कर सकेगा। डल्लेवाल ने कहा "देश की सत्ता का रास्ता गांवों की गलियों से होकर गुजरता है और किसान इस बात को अच्छे से समझ चुके हैं।"
महापंचायत में यूपी पंजाब और राजस्थान के किसान भी पहुंचे
महापंचायत में हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश पंजाब और राजस्थान के भी किसान शामिल हुए। किसानों ने अपने-अपने हाथों में झंडे लिए और 'किसान एकता जिंदाबाद' के नारों के साथ महापंचायत में भाग लिया। इस दौरान महिलाओं की भी सक्रिय भागीदारी रही जिससे यह महापंचायत और भी मजबूत नजर आई।
प्रमुख किसान नेताओं की उपस्थिति
इस महापंचायत में कई बड़े किसान नेताओं ने शिरकत की। शहीद भगत सिंह किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत मोहड़ी राजस्थान के किसान नेता रणजीत राजू किसान मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उमेद सिंह फोगाट और किसान नेता जसविंद्र सिंह लोगोंवाल ने भी किसानों को संबोधित किया। इस मौके पर शहीद भगत सिंह किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव संजीव आलमपुर किसान नेता नवदीप सिंह बीबी हरजिंद्र कौर और किसान नेता राजेंद्र सिंह चौसाला भी मौजूद रहे।
किसानों की मुख्य मांगें
किसान नेताओं ने अपनी मुख्य मांगों पर जोर दिया जिसमें सबसे प्रमुख थी - एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गारंटी कानून की मांग। इसके अलावा किसानों के कर्ज माफी और उन्हें न्याय दिलाने की मांगें भी शामिल थीं। किसान नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
3 अक्टूबर को हरियाणा में रेलवे ट्रैक जाम
महापंचायत के अंत में घोषणा की गई कि 3 अक्टूबर 2024 को हरियाणा में किसानों द्वारा दो घंटे के लिए रेलवे ट्रैक रोका जाएगा। यह कदम किसानों की अनदेखी के विरोध में उठाया जा रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार अब भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र हो सकता है।