सिरसा में नए पुल निर्माण के लिए रोकी घग्गर, अचानक घग्गर में पानी आया तो 20 गांवों पर मंडराएगा बाढ़ का खतरा
बता दें कि गांव लहंगेबाला से मल्लेवाला तक 20 किलोमीटर लंबाई में और दूसरी तरफ मुसाहिबवाला से फरवाई तक 10 किलोमीटर लंबाई में घगर नदी पर केवल एक ही बांध है। इस एरिया में करीब 20 गांव हैं। अगर नदी का बांध टूटता है तो सभी गांव ने की कगार तक पहुंच जाएंगे ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
चंडीगढ़: सिरसा के गांव पनिहारी के पास घग्गर पर पुल निर्माण (Ghaggar Bridge Construction) कार्य रहा है। ठेका कंपनी ने यहां घग्गर में मिट्टी डालकर पानी रोक दिया। इससे जहां एक ओर पनिहारी से पंजाब की ओर करीब 20 गांवों के किसानों को लाभ मिल रहा है तो वहीँ दूसरी ओर आगे के 40 से ज्यादा गांवों के किसान सिंचाई पानी से बंचित रह गए।
खतरा ये भी है कि यदि पंजाब की ओर से अचानक घग्गर में पानी आ गया तो बाढ़ का खतरा भी मंडराएगा। पुल निर्माण का काम भी धीमा चल रहा है क्योंकि यहां घग्गर में मिट्टी नरम होने से क्रेन मशीन धंस रही है।
बता दें कि गांव लहंगेबाला से मल्लेवाला तक 20 किलोमीटर लंबाई में और दूसरी तरफ मुसाहिबवाला से फरवाई तक 10 किलोमीटर लंबाई में घगर नदी पर केवल एक ही बांध है।
इस एरिया में करीब 20 गांव हैं। अगर नदी का बांध टूटता है तो सभी गांव ने की कगार तक पहुंच जाएंगे ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
क्षेत्र की करीब 90 हजार एकड़ फसल को खतरा
घग्गर के साथ लगते 40 गांवों की 90 हजार एकड़ से ज्यादा फसल क खतरा है। क्योंकि किसानों ने घग्गर नदी के साथ ही तलहटी में धान, नरमा व मूंगी की फसल बिजी हुई है ऐसे में अगर घग्गर में पानी का जलस्तर बढ़ता है तो फसलें डूबेंगी।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछली बार भी बाढ़ से फसलें बर्बाद हो गई थी। अब धान को पानी की जरूरत है तो पीछे से पानी रोका हुआ है। मजबूरन उन्हें महंगे भाव का डीजल फूंकना पढ़ रहा है।
घग्गर का पानी नहीं मिलने से सूख रही धान की फसलें
गांव पनिहारी निवासी सुखदेव सिंह, फरवाई निवासी जुगल कुमार, बुर्जकर्मगढ़ निवासी संतोख सिंह, कालू राम ने बताया कि पनिहारी के पास घग्गर नदी पर पुल बनाया जा रह है। ऐसे में इस टाइम घग्गर में पीछे से बरसाती पानी आना शुरू होता है।
अब पंजाब की ड्रेनों का पानी आना शुरू हो चुका है लेकिन पुल बनाने बालों ने घग्गर में मिट्टी डालकर पानी पीछे रोक दिया है। जिस कारण ड्रेनों का 'पानी उन तक नहीं पहुंच रहा। अब धान का सीजन चल रहा है। पानी की सख्त जरूरत है। ऐसे में पानी नहीं आने से उनकी फसलें सूख रही हैं।