हनुमानगढ़: जिले में लू व तापघात से राहत एवं बचाव हेतु एडवाइजरी
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Trends Of Discover, हनुमानगढ़: भारतीय मौसम विभाग द्वारा जिले में लू व तापघात के संबंध में हीटवेव के अलर्ट जारी किए गए है। जिसका प्रभाव आगामी 2 सप्ताह तक रहने की संभावना है। मुख्य सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा हीटवेव की समीक्षा बैठक में निर्देश जारी किए गए है। निर्देशों की पालना में जिला प्रशासन द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है।
> रेडियों सुने/टी वी देखें/ स्थानीय मौसम की जानकारी के लिए समाचार पत्र पढ़े या संबंधित मोबाईल ऐप डाउनलोड करे।
> पर्याप्त पानी पिए तथा अपने आप को - हाईट्रेटड रखने के लिए, ओआरएस (ओरल रिहाइट्रेशन सॉल्यूसन), घर के बने पेय जैसे लस्सी, निबू का पानी, छाछ आदि का सेवन करे।
> हल्के रंग के, ढीले, सूती कपड़े पहनें।
> यदि कही बाहर है, तो अपना सिर ढके - कपड़े, टोपी या छतरी का उपयोग करे। आंखों की सुरक्षा के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग करे और त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन लगाए।
> प्राथमिक चिकित्सा में प्रशिक्षण ले।
नियोक्ता और श्रमिक
> कार्य स्थल पर ठंडे पेयजल का प्रबंधन करे।
> सभी श्रमिकों के लिए आराम के लिए छाया, साफ पानी, छाछ, आइस-पैक के साथ प्राथमिक चिकित्सा किट और ओआरएस (ओरल रिहाइट्रेशन सॉल्यूसन) का प्रबंध रखे।
> श्रमिकों के लिए सीधी धूप से बचने के लिए कहे।
> श्रमसाध्य कार्यों को दिन के कम ताप वाले समय में ही करे।
> बाहरी गतिविधियों के दौरान विश्राम करने की आवृति और सीमा समय बढ़ाए।
> श्रमिकों को लू से संबधित चेतावनी के बारे में सूचित करे।
> जिन श्रमिकों के लिए गर्मी वाले क्षेत्र नए हो, उन्हे हल्का काम और कुम घंटों का काम दें।
अन्य सावधानिया
> बंद वाहन में बच्चों या पालतू जानवरों को कभी अकेला ना छोडे।
> पंखे और नम कंपडो का प्रयोग करे, ठंडे पानी में स्नान करे।
> सार्वजनिक परिवहन और कार-पूलिंग का उपयोग करे। यह भूमण्डलीय ऊष्मीकरण और गर्मी को कम करने में मदद करेगा।
> पेड़ लगाए। सूखी पतियों, कृषि अवशेषों और कचरे को न जलाए।
> जल स्त्रोतों का संरक्षण करे। वर्षों के जल को संचयित करें।
> ऊर्जा - कुशल उपकरणों, स्वच्छ ईधन और ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतो का उपयोग करे।
> अगर आपको चक्कर आ रहे है या आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो तुरन्त डॉक्टर के पास जाए या किसी को तुरन्त डॉक्टर के पास ले जाने के लिए कहे।
नया घर बनाते समय
> नियमित दीवारों की बजाय कैविटी तकनीक का उपयोग करें।
> चौडी दीवारें बनवाए, वे घर को ठंडा रखती है। जालीदार दीवारें और लोब वाले कमरों का निर्माण करें। वे अधिकतम वायु-प्रवाह कर गर्मी को अवरूद्ध करते है।
> दीवारों को रंगने के लिए प्राकृतिक सामग्री जैसें चूने या मिटटी का उपयोग करें।
> यदि संभव हो तो कांच के इस्तेमाल से बचे। निर्माण करने से पहले बिल्डिंग टेक्नॉलॉजी विशेषज्ञ से सलाह लें।
मवेशी के लिए
> पशुओं को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए पर्याप्त, स्वच्छ और ठंडा पानी दे।
> उनसे सुबह 11 बजें से शाम 4 बजे के बीच काम न लें।
> शेड़ की छत को पुआल से ढक दे, तापमान कम करने के लिए इसे सफेद रंग / चूने से रंग दे या गोबर से लीप दें।
> लेड में पंखे, वाटर स्प्रे और फॉसर्स का प्रयोग करे.।
> अत्यधिक गर्मी के दौरान, पानी का छिडकाव करे और मवेशियों को ठंडा करने के लिए एक जल निकाय पर ले जाए।
> उन्हे हरी घास, प्रोटीन-वसा बाईपास पूरक, खनिज मिश्रण और नमक दे। कम गर्मी वाले घंटो के दौरान उन्हे चरने दे।
क्या न करें
> धूप में बाहर जाने से बचे, खासकर दोपहर, 12 और 3 बजे के बीच।
> यदि दोपहर में बाहर हो, तो भारी कामों से बचे।
> नंगे पांव बाहर न जाये।
> दिन के सबसे गर्म समय के दौरान खाना पकाने से बचे। खाना पकाने वाले हिस्से को हवादार बनाए रखने के लिए दरवाजे और खिड़किया खुली रखे।
> शराब, चाय, कॉफी और कॉर्बोनेटेड शीतल पेय से बचे। वे शरीर को निर्जलित करते है।
> अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचे। बासा भोजन ना करे।
> पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरो को न छोडे, वे गर्म हवा से प्रभावित हो सकते है।
> ऐसे बल्बों का उपयोग करने से बचें जो अनावश्यक गर्मी उत्पन्न करते है, ठीक वैसे ही जैसे कि लगातार चलते हुए कम्प्यूटर या बिजली के उपकरण।
लू से प्रभावित व्यक्ति के उपचार के लिए टिप्स:-
> तापमान को कम करने के लिए पीड़ित के सिर पर गीले कपड़े का उपयोग करें / पानी डाले।
> व्यक्ति को ओआरएस/नीबू शरबत अथवा जो कुछ भी शरीर को पुनः सक्रिय करने के लिए उपयोगी हों, पीने के लिए दें।
> व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जाए।
> यदि लगातार उच्च तापमान बना रहता है और सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी, मतली या भटकाव आदि के लक्षण स्पष्ट महसूस हो तो ऐसी स्थिति में टॉल फ्री नं. 108, 112 पर कॉल करे।