trendsofdiscover.com

Haryana Cabinet का इसी हफ्ते होगा विस्तार, बीजेपी ने तैयार किया ये 3 प्लान

हरियाणा में नवगठित नायब सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में पांच विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। बीजेपी सरकार इस हफ्ते अपने कैबिनेट का विस्तार करेगी. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय तीन दिन के लिए हरियाणा से बाहर हैं, इसलिए तीन दिन के बाद किसी भी दिन नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है. 
 | 
Haryana News, Haryana Cabinet का इसी हफ्ते होगा विस्तार,
Haryana News, Haryana Cabinet का इसी हफ्ते होगा विस्तार,

Trends Of Discover, चंडीगढ़: बीजेपी के पास कैबिनेट विस्तार की तीन योजनाएं हैं और वह उन पर काम कर रही है. जल्द ही यह फाइनल हो जाएगा कि मंत्रिमंडल विस्तार के लिए जेडीयू विधायकों को बीजेपी में शामिल किया जाएगा या फिर बीजेपी निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार चलाएगी.

मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भाजपा के ये हैं 3 प्लान

कैबिनेट विस्तार को लेकर बीजेपी की तीन योजनाएं हैं. जेजेपी के पांच विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है. उन्हें दो-तिहाई बहुमत के लिए दो और विधायकों की जरूरत है. दूसरा दांव निर्दलीय विधायकों पर. तीन योजनावएं यह भी हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में केवल चार भाजपा विधायकों को शामिल किया जाए और बाकी चार सीटों को लोकसभा चुना के बाद तय होने के लिए खाली छोड़ दिया जाए। 

क्योंकि बीजेपी लोकसभा में सभी विधायकों से वोट चाहती है. पार्टी को निर्दलीय और बागी जेजेपी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में वोट मिलने की उम्मीद है. निर्दलीय और जेजेपी विधायकों को कैबिनेट में शामिल करने पर फैसला लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद लिया जाएगा.

बताया जा रहा है कि पहले लोकसभा चुनाव के बाद सैनी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार होना था, लेकिन बाद में तय हुआ कि मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बिठाने के बाद ही बीजेपी मैदान में उतरेगी. 

फिलहाल सीएम कैबिनेट में ओबीसी, दो जाट, एससी, गुर्जर और ब्राह्मण समुदाय से एक-एक मंत्री हैं। पंजाबी, राजपूत, वैश्य और यादव समुदाय से कोई मंत्री नहीं है. इसलिए बीजेपी आलाकमान ने चुनाव से पहले ही कैबिनेट विस्तार को हरी झंडी दे दी.

इससे पहले शनिवार 16 मार्च को कैबिनेट विस्तार की तैयारी की गई थी. मंत्रियों के लिए पांच गाड़ियां राजभवन के बाहर पहुंच गई थीं, लेकिन थोड़ी देर बाद ही कार्यक्रम में जल्दबाजी में बदलाव कर दिया गया। इसके दो कारण थे। 

सबसे पहले पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का गुस्सा. दूसरा, जेजेपी के पांच बागी विधायकों के साथ दो अन्य विधायकों की गैरमौजूदगी. बीजेपी जेजेपी के सात विधायकों को पार्टी में लाना चाहती है.

Latest News

You May Like