Haryana में गुटखा और पान मसाला पर प्रतिबंध, चुनाव से पहले सरकार ने जारी किया कड़ा आदेश
हरियाणा सरकार ने एक अधिसूचना जारी करते हुए प्रदेश में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू की बिक्री, भंडारण, निर्माण और उपयोग पर एक साल का प्रतिबंध और बढ़ा दिया है। इस प्रतिबंध को विधानसभा चुनाव से पहले सख्ती से लागू किया जा रहा है। सरकार के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी जिला उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, सिविल सर्जनों और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
सरकार ने चुनावों से पहले यह सख्त कदम उठाया है ताकि तंबाकू और गुटखा जैसे हानिकारक उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई जा सके। 5 अक्टूबर 2024 को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य में इन उत्पादों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है। सरकार की ओर से सभी जिलों के अधिकारियों को पत्र भेजा गया है जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि प्रदेश में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू का किसी भी रूप में व्यापार, स्टोर और निर्माण नहीं होना चाहिए।
सभी जिलों के उपायुक्त पुलिस अधीक्षक और सिविल सर्जनों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इस प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इस मुद्दे पर निगरानी बढ़ाने और नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।
इस फैसले का मकसद राज्य के लोगों की सेहत की सुरक्षा करना और तंबाकू उत्पादों से होने वाले नुकसान से बचाना है। यह पहली बार नहीं है जब हरियाणा सरकार ने गुटखा और तंबाकू पर प्रतिबंध लगाया है। इससे पहले भी कई बार सरकार ने इन हानिकारक उत्पादों पर रोक लगाई है लेकिन इस बार प्रतिबंध की अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि 5 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और 8 अक्टूबर को इसके परिणाम घोषित किए जाएंगे। चुनावी माहौल के मद्देनज़र इस तरह के कदम को सख्ती से लागू करना सरकार की ओर से एक बड़ी पहल मानी जा रही है।
सरकार की यह पहल खासकर युवाओं और कमजोर तबकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है जो गुटखा और तंबाकू के लती होते जा रहे हैं। चुनाव से पहले यह प्रतिबंध प्रशासन की तरफ से लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
बिक्री पर एक साल का प्रतिबंध
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह प्रतिबंध पूरे प्रदेश में लागू होगा और किसी भी जिले में इसका उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार का यह कदम न सिर्फ स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास है बल्कि चुनाव से पहले प्रशासनिक सतर्कता का भी संकेत है।