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Haryana News: हरियाणा में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए बुरी खबर, अब नहीं मिलेगी फ्री इलाज की सुविधा, जानें क्यूँ

लाखों लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन में बाधाओं का सामना करना पड़ा है क्योंकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मांगें पूरी नहीं हुई हैं।
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Trends Of Discover, चण्डीगढ़: Haryana News: लाखों लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन में बाधाओं का सामना करना पड़ा है क्योंकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मांगें पूरी नहीं हुई हैं। इसके जवाब में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कड़ा रुख अपनाया है, जिसके परिणामस्वरूप योजना के तहत बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और अन्य चिकित्सा सेवाएं दो सप्ताह की अवधि के लिए बंद कर दी गई हैं। इस निर्णय ने पैनल अस्पतालों, विशेषकर निजी अस्पतालों के इलाज पर निर्भर मरीजों को मुश्किल में डाल दिया है।

अधिकारियों द्वारा कड़े कदम उठाने की चेतावनी

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक चेतावनी जारी की है, जिसमें उनकी मांगों पर शीघ्र ध्यान नहीं दिए जाने पर और कड़े कदम उठाने की संभावना जताई गई है। इस गतिरोध को हल करने की जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की है। हालाँकि, आयुष्मान कार्डधारक अभी भी न केवल सरकारी अस्पतालों में बल्कि योजना के तहत सूचीबद्ध पैनल अस्पतालों में भी इलाज करा सकते हैं। दोनों विकल्प रोगियों के लिए चिकित्सा सुविधाओं की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच सुनिश्चित करते हैं।

आँकड़े और प्रभाव

5 मार्च तक, जिले में 4,97,537 आयुष्मान और चिरायु कार्डधारक हैं, इस योजना में 50 सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों में सेवाएं शामिल हैं, जिनमें 32 गैर-सरकारी अस्पताल भी शामिल हैं। दुर्भाग्य से, इनमें से कुछ अस्पतालों ने आयुष्मान कार्डधारकों को सेवाएं प्रदान करने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे स्वास्थ्य देखभाल तक समान पहुंच के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।

भुगतान में देरी और प्रशासनिक बाधाएँ

पैनल अस्पतालों को भुगतान में देरी से समस्या और बढ़ गई है, जिससे एलएनजेपी अस्पताल विशेष रूप से प्रभावित हुआ है। भुगतान में देरी से न केवल अस्पताल का संचालन बाधित होता है, बल्कि रोगी की देखभाल भी प्रभावित होती है। सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने के बावजूद, कई सरकारी अस्पतालों को अभी भी अन्य राज्यों में अपने समकक्षों के विपरीत, संशोधित दरों के अनुरूप भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है।

जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया 

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. राकेश भारद्वाज ने गैर सरकारी अस्पतालों को 10 करोड़ से अधिक का भुगतान करने में सरकार की विफलता को उजागर किया है। हालांकि इस मामले को लेकर सरकार को पहले भी अलर्ट जारी किया जा चुका है, लेकिन चिंताओं को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हाल के घटनाक्रमों के आलोक में, बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए एक अतिरिक्त सप्ताह का समय दिया गया है।

सुचारू स्वास्थ्य सेवा वितरण सुनिश्चित करना

गतिरोध को हल करने के लिए, सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह पैनल सरकारी और गैर-सरकारी दोनों अस्पतालों को भुगतान में तेजी लाए। समय पर भुगतान न केवल अस्पताल संचालन को बनाए रखेगा बल्कि आयुष्मान भारत योजना में विश्वास भी बढ़ाएगा। इसके अलावा, अस्पताल प्रबंधन की सुनवाई के लिए एक समर्पित पैनल स्थापित करने से प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जा सकता है और शिकायतों का प्रभावी ढंग से समाधान किया जा सकता है।
 

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