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Haryana News: सिरसा, हिसार समेत 12 जिलों के किसानों की हुई बल्ले-बल्ले, सरकार ने किसानों के खातों में भेजी 87.95 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि, देखें

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 मुआवजा राशि

Trends Of Discover, चंडीगढ़: हरियाणा में सियासी घमासान के बीच में किसानों के लिए आई बड़ी खुशखबरी! अभी फिलहाल हरियाणा के कई जिलों में मार्च के पहले हप्ते हुई ओलावृष्टि से किसानों की 6 महीने की पूरी महेनत पर पानी फेर दिया। इसी प्रकर्तिक आपदा पर मरहम का काम किया इस खरीब सीजन 2023 की कपास की फसल के खराबा मुआवजा ने। मुख्यमंत्री ने कहा कि, सरकार ने साल 2023 दौरान खराब हुई कपास की फसल का मुआवजा प्रदान कर दिया है। इस प्रकार हमेशा किसानों की सहायता के लिए तत्पर है। इससे पहले भी सरकार ने किसान हित में काफी निर्णय लिए हैं।

हरियाणा सरकार ने मार्च में ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए 15 मार्च तल खोल गया क्षतिपूर्ति पोर्टल। रबी-2024 फसल के नुकसान का हुआ पंजीकरण ओलावृष्टि या अन्य कारणों से प्रभावित हुई खराब फसलों के लिए किसानों को ई-क्षतिपूर्ति पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर मुआवजे के बने पात्र, आवेदन की अंतिम तिथि 15 मार्च 2024 थी 

इन 12 जिलों को मिलेगा 2023 फसल खराबे का मुआवजा 

जानकारी से पता चला है की हरियाणा के कुल 12 जिलों के किसानों के खातों में 2023 में खरीब की फसल खराब हुई थी उसकी मुआवजा राशि किसानों को दी गई है। जिसमें भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गुड़गांव, हिसार, झज्जर, जींद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत शामिल है।

हरियाणा में 12 जिलों के किसानों को बाढ़ से ख़राब हुई फसल के लिए 87.95 करोड़ रुपये का खरीब सीजन 2023 (कपास फसल) खराबे का फसल मुआवजा DBT के तहत उनके खातों में सीधे जारी करवा दिया गया है। 9000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि जारी की गई है।

खरीब के सीजन में हरियाणा के बहुत से जिलों में सुंडी कीट की वजह से कपास की फसल खराब हो गई थी। किसानों द्वारा मुआवजा के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर कपास की खराब फसलों का अक्टूबर 2023 से 30 नवंबर 2023 तक ब्यौरा दर्ज करवाया गया था। इस पोर्टल पर 12 जिलों के कुल 2,43,287 एकड़ भूमि का पंजीकरण करवाया गया था। लेकिन विभाग द्वारा केवल 84,483 एकड़ भूमि में खराबी की पुष्टि की गई। जिससे बाकि किसानों को खराब फसल का मुआवजा नही मिला है।

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