Haryana weather update: हरियाणा में बरसेंगे काले बादल, इन जिलों में अलर्ट हुआ जारी
हरियाणा में इस साल का मॉनसून उम्मीदों के विपरीत साबित हुआ है. राज्य में मानसून की धीमी गति ने किसानों और कृषि से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर चावल किसानों को इसका सीधा असर पड़ा है।
मानसून की धीमी गति से खेती पर असर
हरियाणा में 2024 का मॉनसून पिछले पांच सालों में सबसे कमजोर साबित हुआ है. इससे धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है. कम वर्षा के कारण फसलों की सिंचाई में कठिनाई हो रही है फलस्वरूप उत्पादन में गिरावट आ रही है। विशेषकर चावल की फसल पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
धान की फसल जिसे अधिक पानी की आवश्यकता होती है कम वर्षा के कारण अपने सामान्य उत्पादन स्तर तक नहीं पहुँच सकी। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। मौसम की अनिश्चितता ने कृषि योजनाओं और निवेश को भी प्रभावित किया है जिससे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है।
हालांकि हरियाणा के किसानों के लिए उम्मीदें अभी खत्म नहीं हुई हैं. मौसम विभाग के मुताबिक सितंबर के आसपास राज्य में बारिश के आसार हैं हालांकि 10 सितंबर तक बारिश के कोई संकेत नहीं हैं लेकिन उसके बाद मौसम बदलने की उम्मीद है।
मौसम विभाग ने भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में मौसम ठंडा और सुहाना रहेगा. बादल छाए रहने और हल्की बारिश के कारण राज्य में ठंडक बनी रहेगी जिससे किसानों को कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
हरियाणा में मानसून की धीमी गति न केवल स्थानीय कारणों से बल्कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन से भी जुड़ी हो सकती है। पिछले कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में अप्रत्याशित परिवर्तन देखने को मिले हैं। कभी अतिवृष्टि तो कभी सूखे की स्थिति का कृषि पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
कम वर्षा और गर्मी की बढ़ती तीव्रता ने मिट्टी की नमी को भी प्रभावित किया है जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित हुआ है। परिणामस्वरूप किसान जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए नई तकनीकों और फसल प्रबंधन की आवश्यकता देख रहे हैं।