Haryana Weather Update: हरियाणा में अगले तीन दिनों में भारी बारिश की चेतावनी, जानिए आगामी मौसम अपडेट
Trends of Discover, चंडीगढ़: हरियाणा में मानसून इस साल देरी से आया लेकिन आते ही उसने अपना प्रभाव जमाना शुरू कर दिया। राज्य में मानसून (Monsoon) की बारिश से कुछ इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं वहीं कुछ स्थानों पर बारिश (Barish) का समान वितरण नहीं हो पाया है। लेकिन अब मौसम विभाग (Meteorological Department) ने अगले तीन दिनों के लिए एक बार फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आइए जानते हैं हरियाणा के मौसम का हाल (Weather condition in Haryana) और आने वाले दिनों में क्या संभावित प्रभाव हो सकते हैं।
अगले तीन दिन कैसा रहेगा
ताजा जानकारी के अनुसार मौसम विभाग ने हरियाणा में 2 से 5 सितंबर के बीच भारी बारिश की संभावना जताई है। खासकर 2 सितंबर को हरियाणा और चंडीगढ़ में तेज हवाओं और भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। चंडीगढ़ पंचकूला यमुनानगर और अंबाला जैसे इलाकों में विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग के मुताबिक इन इलाकों में गरज-चमक के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
हरियाणा के कई हिस्सों में पहले से ही भारी बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है जिससे बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है। हालांकि राज्य के कुछ इलाकों में अब भी मानसून का प्रभाव समान रूप से नहीं देखा गया है जिससे वहां के किसान और स्थानीय लोग चिंतित हैं।
चंडीगढ़ और पंचकूला में बारिश
चंडीगढ़ और पंचकूला में आज सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई है और मौसम विभाग ने यहां के लिए भी बारिश की चेतावनी दी है। चंडीगढ़ में सोमवार की सुबह घने बादलों के बीच हल्की बारिश देखने को मिली जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली।
चंडीगढ़ और पंचकूला में आने वाले दिनों में और भी ज्यादा बारिश की संभावना है जिससे यहां के लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। बारिश की तीव्रता के साथ-साथ हवाओं की गति भी बढ़ सकती है जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
हरियाणा में बारिश के आंकड़े
इस साल हरियाणा में मानसून का आगमन कुछ खास नहीं रहा। राज्य में 24 साल बाद ऐसा हुआ है कि अगस्त महीने में सामान्य से 26 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इससे पहले 2004 में सामान्य से 49 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी। इस वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो हरियाणा में मानसून का प्रकोप कम दिखाई दे रहा है जो कि किसानों और कृषि पर निर्भर लोगों के लिए चिंता का विषय है।
हालांकि कुछ इलाकों में भारी बारिश ने न केवल फसल को नुकसान पहुंचाया है बल्कि स्थानीय स्तर पर जलभराव और बाढ़ जैसी स्थितियों को भी जन्म दिया है। ऐसे में बारिश के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो यह स्पष्ट होता है कि इस बार मानसून ने हरियाणा में एक विषम प्रभाव छोड़ा है।