हरियाणा में आज नहीं होगी धान की सरकारी खरीद, जानिए नया शेड्यूल और MSP दरें
हरियाणा के धान उत्पादक किसानों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने इस वर्ष धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर होने वाली सरकारी खरीद के शेड्यूल में बदलाव किया है। पहले यह खरीद 23 सितंबर से शुरू होने वाली थी लेकिन अब इसे 1 अक्टूबर 2024 से शुरू किया जाएगा। किसानों और आढ़तियों को अब नए शेड्यूल के अनुसार तैयारियां करनी होंगी।
धान की सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से शुरू
कैथल जिले के उपायुक्त डॉ. विवेक भारती ने बताया कि 1 अक्टूबर 2024 से जिले की सभी मंडियों में धान की सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडियों में खरीद से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी की जाएं ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
सरकारी खरीद एजेंसियों और मंडी सचिवों को बिजली पानी शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी एसडीएम और मंडी नोडल अधिकारी अपनी-अपनी मंडियों का दौरा करेंगे और व्यवस्था की समीक्षा करेंगे ताकि धान की खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
उपायुक्त डॉ. विवेक भारती ने लघु सचिवालय में धान खरीद प्रक्रिया से जुड़ी एक बैठक में बताया कि इस वर्ष धान की MSP में बदलाव किया गया है। सामान्य धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड 'ए' धान के लिए 2320 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
सरकार ने सभी खरीद एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वे निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार धान की खरीद सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को उनके धान की पेमेंट समय पर मिले।
खरीद प्रक्रिया की सख्त निगरानी
इस वर्ष जिले में करीब 9.5 लाख मीट्रिक टन धान के आने की संभावना है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि धान की खरीद प्रक्रिया समय पर पूरी हो और मंडियों में धान का उठान भी समय पर हो ताकि मंडियों में जगह की कमी न हो।
मंडी सचिवों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि वे मंडियों में पर्याप्त बारदाने तिरपाल और पॉलीथिन कवर की व्यवस्था करें। इसके अलावा मंडियों में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी साफ-सफाई पावर मशीन और किसानों के लिए सुलभ शौचालय और पार्किंग जैसी सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाए।
सरकार का फोकस
हरियाणा सरकार का उद्देश्य यह है कि धान की सरकारी खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और सुचारू रहे। किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो और वे अपनी फसल के उचित दाम प्राप्त कर सकें। अधिकारियों को आपसी तालमेल से काम करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि खरीद प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी या रुकावट न हो।
1 अक्टूबर से शुरू होने वाली इस खरीद प्रक्रिया के लिए सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों से भी अपील की गई है कि वे निर्धारित शेड्यूल के अनुसार अपनी फसल मंडियों में लेकर आएं और सरकारी नियमों का पालन करें।