High Speed Expressway: 8 घंटे में पूरा हो जाएगा 16 घंटे का सफर, 390 गांवों से होकर गुजरेगा देश का ये हाई स्पीड एक्सप्रेसवे, जानें अपडेट
Mumbai to Nagpur High Speed Expressway: भारत में सड़क नेटवर्क का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिससे देश के नागरिकों को आवागमन में सुगमता और समय की बचत हो रही है। इसी कड़ी में, भारत में 701 किलोमीटर लंबा एक अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे तैयार हो रहा है जिसे "समृद्धि महामार्ग" के नाम से जाना जाएगा। यह महामार्ग मुंबई से नागपुर के बीच बनाया जा रहा है और इसकी कुछ विशेषताएँ इसे देश का सबसे हाई स्पीड एक्सप्रेसवे बनाती हैं।
अंतिम चरण में 76 किलोमीटर लंबे हिस्से का कार्य
समृद्धि महामार्ग के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है और जानकारी के अनुसार इस एक्सप्रेसवे के 76 किलोमीटर लंबे हिस्से का कार्य सितंबर के अंतिम सप्ताह तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद इस हिस्से पर गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। यह हिस्सा नासिक जिले के इगतपुरी और ठाणे जिले के बीच स्थित है और इसे समृद्धि महामार्ग का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।
चुनौतीपूर्ण रहा अंतिम चरण का काम
समृद्धि महामार्ग के निर्माण का अंतिम चरण वास्तव में सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण रहा है। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनिलकुमार गायकवाड़ के अनुसार इस हिस्से में 16 गहरी घाटियाँ और पांच पहाड़ियाँ हैं, जिनके कारण निर्माण कार्य अत्यंत कठिन था। इन पहाड़ियों में 5 सुरंग खोदी गई हैं और 16 पुलों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा इस हिस्से में कई संरचनात्मक सुधार भी किए गए हैं जिससे यह हिस्सा सड़कों के निर्माण के इतिहास में एक मील का पत्थर बन गया है।
8 घंटे में पूरा होगा 16 घंटे का सफर
समृद्धि महामार्ग की सबसे बड़ी विशेषता इसकी उच्च गति की क्षमता है। यह 701 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे फिलहाल 6 लेन का बनाया जा रहा है जिसे भविष्य में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों को 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाने की अनुमति होगी जो इसे देश का सबसे हाई स्पीड एक्सप्रेसवे बनाता है। हालांकि वर्तमान में इस पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड लिमिट रखी गई है। इस हाई स्पीड एक्सप्रेसवे पर मुंबई से नागपुर का सफर जो सामान्यतः 16 घंटे में पूरा होता है अब मात्र 8 घंटे में पूरा हो सकेगा।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता
समृद्धि महामार्ग का निर्माण न केवल तकनीकी है बल्कि इसके साथ ही पर्यावरण के प्रति भी संवेदनशीलता दिखाई गई है। इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर करीब 13 लाख वृक्ष लगाए जाएंगे जिससे यह महामार्ग एक ग्रीन कॉरिडोर के रूप में भी जाना जाएगा। इस प्रकार यह परियोजना न केवल देश के यातायात को गति देने का कार्य करेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी।
10 जिलों के कई शहरों और 390 गांवों से होकर गुजरेगा
समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र राज्य के लिए अत्यंत खास है क्योंकि यह प्रदेश के 10 जिलों के कई प्रमुख शहरों और 390 गांवों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच कनेक्टिविटी को और भी मजबूत करेगा। इसके साथ ही इस महामार्ग पर 65 फ्लाईओवर, 24 इंटरचेंज, 6 सुरंग और 300 अंडरपास बनाए जा रहे हैं जो यातायात को सुगम बनाएंगे और दुर्घटनाओं की संभावनाओं को भी कम करेंगे।
सबसे लंबी सुरंग
समृद्धि महामार्ग पर बनने वाली सबसे बड़ी सुरंग की लंबाई 7.74 किलोमीटर है। यह सुरंग अत्याधुनिक तकनीक से बनाई जा रही है और इसकी संरचना इस प्रकार की गई है कि यह 25 मिनट की दूरी को मात्र 5 मिनट में पूरा कर देगी। इस सुरंग के माध्यम से यात्रियों को न केवल समय की बचत होगी बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव भी मिलेगा।