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Kolkata rape-murder : दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित, डॉक्टरों की हड़ताल रहेगी जारी

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Kolkata rape-murder
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नई दिल्ली, 19 अगस्त : कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों की हड़ताल रविवार को सातवें दिन भी जारी रही जिसके कारण ओपीडी सहित गैर-आपातकालीन सेवाएं बाधित रहीं।

सोमवार शाम को यहां विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। शुरुआत में यह प्रदर्शन मेडिकल कॉलेज परिसरों तक ही सीमित रहा लेकिन शुक्रवार से डॉक्टरों ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इस महीने की शुरुआत में हुई घटना के खिलाफ सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया।

एक कार्ययोजना के अनुसार दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्यों ने कॉनॉट प्लेस स्थित राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के बाहर से कैंडल मार्च निकाला।

यूसीएमएस और जीटीबी अस्पताल आरडीए के उपाध्यक्ष डॉ. पार्थ मिश्रा ने पीटीआई को बताया कि जैसा कि चर्चा हुई थी चिकित्सा संस्थानों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने मार्च में भाग लिया।

प्रदर्शनकारी, ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने और अपने साथी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं उन्होंने कॉनॉट प्लेस इनर सर्कल में मानव श्रृंखला बनाई।

घटना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जनता से बातचीत करने के भी प्रयास किए गए।

रात करीब 9 बजे समाप्त हुए मार्च में शामिल लोगों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए। उन्होंने पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए तख्तियां दिखाईं और उनमें से एक पर लिखा था "जब सफेद कोट लाल हो जाता है तो समाज काला हो जाता है"। मार्च में तिरंगा थामे कुछ बच्चे भी नजर आए।

रविवार देर रात रेजिडेंट डॉक्टरों ने घोषणा की कि उनकी हड़ताल जारी रहेगी। सोमवार के लिए कार्ययोजना में जीटीबी अस्पताल के गेट के सामने सुबह 9 बजे बैठक तय की गई है।

आरडीए के संयुक्त बयान के अनुसार, बैठक के बाद डॉक्टर सुबह 11 बजे निर्माण भवन के लिए रवाना होंगे।

स्वास्थ्य कार्यकर्ता और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जूनियर डॉक्टर नेटवर्क के राष्ट्रीय परिषद सदस्य डॉ. ध्रुव चौहान ने आरोप लगाया, "कुछ अस्पताल प्रशासन डॉक्टरों को काम पर लौटने के लिए धमका रहे हैं जबकि वे अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।"

उन्होंने पूछा, "क्या इसका मतलब यह है कि हमें संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति और विरोध के अधिकार का प्रयोग करने की भी स्वतंत्रता नहीं है?"

चौहान ने कहा कि यदि प्राधिकारियों ने डॉक्टरों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए इतने ही परिपत्र जारी किए होते, तो ऐसी घटना कभी नहीं होती।

हड़ताल के कारण सार्वजनिक एवं निजी स्वास्थ्य सुविधाओं में शैक्षणिक गतिविधियां, बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी), वार्ड सेवाएं तथा वैकल्पिक सर्जरी प्रभावित हुई हैं।

गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू), आपातकालीन प्रक्रियाएं और आपातकालीन सर्जरी सहित आवश्यक आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।

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