नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क पायलट प्रोजेक्ट से विद्यार्थियों की होगी बल्ले-बल्ले, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से मिली मंजूरी
National Credit Framework Pilot Project:केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों के शैक्षिक विकास के लिए प्रयासरत है और समय-समय पर नई योजनाएं लागू करता है। इसी कड़ी में अब CBSE चालू शैक्षणिक वर्ष से कक्षा छठी, नौवीं और 11वीं के लिए नेशनल क्रेडिट फ्रेमबर्क पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। CBSE ने संबंधित स्कूलों कों योजना में शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया है।
CBSE बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि CBSE 2024-25 शैक्षणिक सत्र से कक्षा छठी, नौवीं और 11वीं के लिए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क शुरू करेगा। इसके लिए बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों को इसमें भागीदारी के लिए आमंत्रित किया है।
सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के तहत पिछले साल स्कूल, उच्चतर और व्यावसायिक शिक्षा के निर्बाध एकीकरण को सुनिश्चित करने और छात्रों को पूर्व से अपने क्रेडिट जमा करने की अनुमति देने के लिए प्राथमिक से पीएचडी स्तर तक नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क शुरू किया था।
इसके बाद CBSE ने भी इसे लागू करने के लिए अपना मसौदा दिशानिर्देश तैयार किया है। CBSE ने स्कूल प्रधानाध्यापकों को लिखे एक पत्र में कहा है कि CBSE ने मसौदा एनसीएफ कार्यान्वयन दिशानिर्देशों को तैयार कर जारी किया। उन पर कई कार्यशालाओं में चर्चा की और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त की।
पत्र में कहा गया कि इनकी प्रभावशीलता का परीक्षण और मूल्यांकन करने के लिए इन दिशा-निर्देशों का प्रायोगिक कार्यान्वयन किया जाना है। CBSE से संबद्ध स्कूलों में सत्र 2024-2025 के लिए छठी, नौवीं और 44वीं कक्षा में इसे लागू करने की योजना बनाई गई है।
योजना में शामिल होने हेतु आमंत्रत किया
अधिकारियों का कहना है कि CBSE ने कक्षा छठी, नौवीं, 11वीं के लिए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है। विद्यार्थियों को इसका फायदा मिलेगा। विद्यार्थी की हर गतिविधि का उन्हें क्रेडिट दिया जाएगा। CBSE ने संबंधित स्कूलों को योजना में शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया है।
विद्यार्थियों को होगा फायदा
छात्र कक्षा में पठन-पाठन, प्रयोगशाला कार्य, परियोजनाओं, खेल, प्रदर्शन कला, राष्ट्रीय कैडेट कोर, सामाजिक कार्य, व्यावसायिक शिक्षा और अनुभवात्मक शिक्षा से क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं। इसमें प्रासंगिक अनुभव और अर्जित पेशेवर स्तर शामिल हैं।
CBSE ने कहा कि अर्जित क्रेडिट को छात्र के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में जमा किया जाएगा। CBSE क्रेडिट फ्रेमवर्क के लाभ का मतलब है कि CBSE बोर्ड के छात्रों को पढ़ाई के साथ खेलकूद, एक्स्ट्रा क्लास सहित अन्य गतिविधि के भी नंबर मिलेंगे। विद्यार्थी की हर गतिविधि का उन्हें क्रेडिट दिया जाएगा।