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यूपी में एक और नया एक्सप्रेसवे बनाने की तैायारी, इन 8 जिलों की होने वाली है बल्ले-बल्ले, करोड़ों में बिकेगी जमीने

एक्सप्रेसवे को 'गाजियाबाद-कानपुर ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर' कहा जा रहा है। यह परियोजना गाजियाबाद, हापुड-कानपुर, उन्नाव ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर के अंतर्गत आएगी। इससे न सिर्फ दोनों शहरों के बीच की दूरी कम होगी, बल्कि यहां के लोगों को नौकरी के अच्छे अवसर भी मिलेंगे.
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New Greenfield Expressway

लखनऊ:भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने उत्तर प्रदेश में 380 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे की योजना बनाई है। इस प्रोजेक्ट के तहत गाजियाबाद से कानपुर तक हाई स्पीड एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गाजियाबाद और कानपुर के बीच 380 किमी लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर एनएचएआई अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में परियोजना की डीपीआर की समीक्षा की गयी और निर्देश दिया गया कि परियोजना को तेजी से पूरा किया जाये.

एक्सप्रेसवे को 'गाजियाबाद-कानपुर ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर' कहा जा रहा है। यह परियोजना गाजियाबाद, हापुड-कानपुर, उन्नाव ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर के अंतर्गत आएगी। इससे न सिर्फ दोनों शहरों के बीच की दूरी कम होगी, बल्कि यहां के लोगों को नौकरी के अच्छे अवसर भी मिलेंगे.

रोजगार को बढ़ावा मिलेगा

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना उत्तर प्रदेश के इन आठ जिलों की किस्मत चमकाएगी। गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव को जोड़ेगा। एक बार यह एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएगा तो इन आठ जिलों में कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और दोनों शहरों के बीच की दूरी तय करने में समय लगेगा.

गाजियाबाद से कानपुर जाना आसान हो जाएगा

यह प्रोजेक्ट गाजियाबाद से शुरू होकर कानपुर रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। हालांकि, फिलहाल गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर तय करने में करीब 10 से 11 घंटे का समय लगता है. हालांकि, दोनों शहरों के बीच एक्सप्रेसवे बन जाने पर यह दूरी केबल से 5 घंटे 40 मिनट में तय हो जाएगी।

एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर तैयार किया जाएगा

एनएचएआई ने पूरे 380 किमी लंबे प्रोजेक्ट को गाजियाबाद, हापुड-कानपुर, उन्नाव ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर नाम दिया है। शुरुआत में कॉरिडोर का निर्माण केवल चार लाइन की सड़क से किया जाएगा। लेकिन, इसके लिए भूमि अधिग्रहण आठ लेन एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर होना है।

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