राजस्थान के किसानों के लिए राहत, बारिश से बर्बाद हुई फसल का मिलेगा मुआवजा, सरकार से जारी किए इतने करोड़
राजस्थान में हाल ही में हुई भारी बारिश ने कई जिलों में फसलों को भारी नुकसान पहुँचाया है। मौसम विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, सहकारिता विभाग और नाबार्ड के अफसरों की रिपोर्ट के अनुसार खरीफ की फसलों के खराबे का आंकलन किया जाएगा और प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि मुआवजा देने की प्रक्रिया किस प्रकार की जाएगी।
फसलों के नुकसान का आकलन
राजस्व विभाग ने हाल ही में 3 निर्देश जारी किए हैं जिनके तहत अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। इन निर्देशों के बाद किसानों को मुआवजा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। विभाग ने सभी जिला कलक्टर्स को आदेश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान का त्वरित आंकलन करें और ऑनलाइन रिपोर्ट तैयार कर आपदा राहत प्रबंधन विभाग को भेजें।
राजस्व विभाग के पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे किसानों की खरीफ फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। जिन जिलों में अधिक बारिश और नुकसान हुआ है वहां जल्दी से रिपोर्ट तैयार करके भेजने की आवश्यकता है। इस दिशा में कई जनप्रतिनिधियों, विधायकों और सांसदों ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करने की मांग की है।
मुआवजे की प्रक्रिया
मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी तरह से आकलन पर आधारित होगी। विभाग के अनुसार जनप्रतिनिधियों, मौसम विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, सहकारिता विभाग और नाबार्ड के अफसरों की रिपोर्ट के आधार पर फसलों के नुकसान का विश्लेषण किया जाएगा। यह विश्लेषण यह सुनिश्चित करेगा कि किस प्रकार का मुआवजा किसानों को दिया जा सकता है और इसकी राशि कितनी होगी।
मुआवजा देने की प्रक्रिया में किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखा जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत प्रभावित किसानों को उनके फसलों के नुकसान के अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे अपने आर्थिक संकट को दूर कर सकें और आगामी फसल के लिए तैयार हो सकें।
प्रभावित जिलों की सूची
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में सबसे अधिक बारिश राजस्थान के करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, जैसलमेर, नागौर, बीकानेर, अजमेर, धौलपुर, जोधपुर और पाली जिलों में हुई है। मानसून सीजन के दौरान खरीफ फसलों की बुवाई कुल 158 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में की गई थी। इसमें अनाज, दलहन, तिलहन और अन्य फसलों का क्षेत्रफल शामिल है।
खरीफ की फसलों की बुवाई के विवरण निम्नलिखित हैं:
अनाज: 62.29 लाख हेक्टेयर (ज्वार, बाजरा, धान, मक्का और अन्य)
दलहन: 37 लाख हेक्टेयर (अरहर, उड़द, मूंग, मोठ, चोला)
तिलहन: 23.44 लाख हेक्टेयर (सोयाबीन, मूंगफली, अरंडी, तिल)
अन्य: 36.14 लाख हेक्टेयर (कपास, ग्वार, गन्ना)