रोहतक प्रशासन ने रद्द की तिरंगा यात्रा की अनुमति, कर्मचारी नाराज
समिति कार्यस्थल पर काले बैज पहनकर विरोध दर्ज कराएगी
पेंशन बहाली संघर्ष समिति (पीबीएसएस) को रविवार (8 सितंबर) को रोहतक में प्रस्तावित तिरंगा यात्रा निकालने की अनुमति वापस लेने पर समिति की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है।
जिला प्रशासन ने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति तथा आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए समिति को कार्यक्रम के लिए दी गई अनुमति रद्द कर दी थी।
पीबीएसएस, जिसमें राज्य सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स शामिल हैं, ने आज रोहतक में एक आपातकालीन बैठक बुलाई।
बैठक की अध्यक्षता करने वाले पीबीएसएस के राज्य अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि समिति कानूनी रास्ता अपनाएगी और रोहतक जिला प्रशासन द्वारा अनुमति वापस लेने को अदालत में चुनौती देगी।
पीबीएसएस के राज्य महासचिव ऋषि नैन ने कहा, "कर्मचारी 9 से 12 सितंबर तक ड्यूटी पर काले बैज पहनकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।"
धारीवाल ने बताया कि समिति ने अन्य जिलों में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए थे, लेकिन उन्हें रोहतक में यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी गई।
उन्होंने कहा, "हमने अनुमति वापस लेने संबंधी पत्र देखा है और जिला अधिकारियों से भी मुलाकात की है। हमें लगता है कि राजनीतिक दबाव के कारण अनुमति रद्द की गई है।"
बैठक में समिति सदस्यों ने हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली के लिए अपना संघर्ष जारी रखने का संकल्प दोहराया।
उन्होंने कहा कि वे उस पार्टी का समर्थन करेंगे जो ओपीएस को लागू करने का वादा करेगी, लेकिन भाजपा को वोट नहीं देंगे क्योंकि वह ऐसा करने में विफल रही है।
धारीवाल ने कहा, "हमने राज्य कांग्रेस नेताओं से बातचीत की है और उन्होंने हमें सत्ता में आने पर ओपीएस को लागू करने का आश्वासन दिया है। हालांकि, हम इस संबंध में अंतिम निर्णय तब लेंगे जब कांग्रेस अपने चुनावी घोषणापत्र में इसका प्रमुखता से उल्लेख करेगी।"